लखनऊ, । उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में यमुना एक्सप्रेस वे पर दो नवंबर को मिले दो बच्चों के शव अब भी पहेली बने हुए हैं। हत्या करके चलती गाड़ी से फेंके गए इन दो बच्चों की शिनाख्त करने में पुलिस अब तक नाकाम रही है। दोनों बच्चों का पोस्टमार्टम (पीएम) शनिवार को कराया गया। दोनों को गला घोटकर मौत के घाट उतारा गया। पीएम रिपोर्ट में दोनों के चेहरे, पीठ और पैर में खरोंच के निशान का जिक्र है। डीएनए टेस्ट कराने को दोनों बच्चों के सैंपल लिए गए हैं।दो नवंबर को यमुना एक्सप्रेस वे पर नोएडा से आगरा रूट पर माइल स्टोन 74 के पास 8-10 वर्षीय बालक का शव मिला था, जबकि 10-12 वर्षीय बालक का शव इसी रूट पर माइल स्टोन 79 के पास कंटीली फेंसिंग में उलटा लटका मिला था। पहचान के लिए दोनों बच्चों के शवों को पोस्टमार्टम गृह पर रखवाया था। डा. अमन कुमार और डा. मोहम्मद आसिम कुरैशी ने दोनों शवों का पोस्टमार्टम किया।एसपी मथुरा देहात श्रीश्चंद्र ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दोनों बच्चों की हत्या गला घोटकर किए जाने की पुष्टि हुई है। अभी उनकी शिनाख्त नहीं हो सकी है। पोस्टमार्टम के बाद दोनों का अंतिम संस्कार भी करा दिया गया है। फिलहाल दोनों की पहचान के लिए कपड़े आदि सामान को रखा गया है। पुलिस की टीमें लगातार दोनों की शिनाख्त में जुटी हुई हैं।शव बरामदगी के दौरान ही दोनों बालकों की उम्र, कपड़े, चोट के निशान के आधार पर सगे भाई होने की संभावना जताई जा रही थी। पोस्टमार्टम में दोनों के चेहरे, पीठ और पैर में खरोंच के निशान पाए गए। सगे भाई होने की पुष्टि के लिए डीएनए टेस्ट के लिए दोनों के सैंपल लिए गए हैं।आठ-दस वर्षीय बालक के चेहरे पर चोट के निशान थे। शरीर के अन्य हिस्सों पर भी निशान थे। बालक ने सफेद रंग की बनियान और आसमानी रंग की जींस पहन रखी थी। करीब साढ़े तीन फीट लंबे बालक का रंग गेंहुआ था। वहीं 10-12 साल के दूसरे बालक के चेहरे पर भी चोट के निशान थे। नीली-सफेद- काली रंग की जर्सी, नीली जींस और लाल रंग का अंडरवियर पहने था। पैर में ब्राउन रंग के चमड़े के सैंडल थे। दोनों बालकों की नाक से खून बह रहा था।एक्सप्रेस वे पर बलदेव क्षेत्र में सर्विस रोड पर चार नवंबर को अज्ञात महिला का शव मिला था। इस स्थान की दूरी बालकों के शव मिलने वाले स्थान से करीब 50 किलोमीटर है। रविवार को शव का पोस्टमार्टम कराया जाएगा।