लखनऊ, । लखीमपुर खीरी में तीन अक्टूबर की हिंसा में चार किसानों की मृत्यु के बाद मंगलवार को अंतिम अरदास में पहुंचे किसान नेता राकेश टिकैत के तेवर ही जुदा थे। टिकैत ने किसी की राजनीतिक दल के नेता को मंच पर बुलाने से इन्कार करने के साथ ही केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा टेनी को मंत्री पद से बर्खास्त करने की मांग रख दी है।टिकैत ने अरदास के दौरान कहा कि अगर केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा टेनी का इस्तीफा नहीं होगा तो यहां से ही आंदोलन की घोषणा करेंगे। इसके बाद तो लखनऊ में बड़ी पंचायत होगी। आंदोलन के तहत देश के जिले में किसानों के अस्थि कलश जाएंगे। जहां पर लोग उनको श्रद्धांजलि देंगे। इसके बाद 24 अक्टूबर को लोग उन्हें प्रवाहित करेंगे। टिकैत ने कहा कि इतने काम होने के बाद 26 तारीख को किसान लोग लखनऊ आएंगे। जहां पर बड़ा विरोध प्रदर्शन होगा।किसान नेता राकेश टिकैत ने इस दौरान साफ कहा कि यह अरदास मृत किसानों की आत्मा की शांति के लिए रखी गई है। इसे राजनीति से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए। इस मंच से किसानों नेताओं ने एक बार फिर सरकार को आगाह किया कि तीन अक्टूबर को हुई घटना लोमहर्षक है और इसके सभी दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाए बिना संयुक्त मोर्चा मानने वाला नहीं है। किसान नेताओं ने यह भी कहा कि केन्द्रीय मंत्री के बेटे को तो गिरफ्तार कर लिया गया, लेकिन अभी केंद्रीय मंत्री पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। किसानों की मांगों में यह दोनों प्रमुख रूप से शामिल की गई थी।इससे पहले राकेश टिकैत ने तिकुनिया में अंतिम अरदास में प्रियंका गांधी को मंच से संबोधन करने से रोक दिया। तिकुनिया में अंतिम अरदास में मंच पर किसान नेता राकेश टिकैत के साथ अन्य किसान थे। कांग्रेस की प्रियंका गांधी वाड्रा ने आम लोगों के बीच में बैठकर अरदास की। उन्होंने जब इसके बाद मंच से किसानों को संबोधित करने की इच्छा जताई तो किसान नेताओं ने साफ इन्कार कर दिया। इससे पहले प्रियंका गांधी ने चारों किसानों को श्रद्धांजलि भी दी।किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि किसान अपनी मांग पर कायम हैं कि केन्द्रीय मंत्री अजय कुमार मिश्रा टेनी को पद से बर्खास्त किया जाए। बिना उनकी बर्खास्तगी के उनके पुत्र आशीष मिश्रा मोनू के खिलाफ जांच ठीक से नहीं हो पाएगी। उन्होंने कहा कि मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा की गिरफ्तारी एक ‘रेड कार्पेट’ गिरफ्तारी है। अगर मंत्री को तुरंत नहीं हटाया जाता है तो यह आंदोलन ऐसे ही चलता रहेगा। टिकैत ने कहा कि हम आतंकी हमले में शहीद जवानों के घर भी जाएंगे। किसानों के साथ-साथ सभी को जवानों के घर भी जाना चाहिए और हम पहले भी जाते रहे हैं। जवान भी किसानों के ही बेटे हैं।