लखनऊ । कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव व उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका वाड्रा पांच दिन के प्रवास पर सोमवार को लखनऊ आ रही हैं। वह कांग्रेस की प्रतिज्ञा यात्रा और प्रदेश के विभिन्न शहरों में अपनी जनसभाओं को लेकर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के साथ विस्तृत चर्चा करेंगी। संगठन के भीतर उपजे असंतोष को थामने की कोशिश के साथ ही वह पार्टी की चुनावी तैयारियों को आगे बढ़ाएंगी।एक महीने में तकरीबन दो हफ्ते के अंतराल पर प्रियंका वाड्रा का दोबारा लखनऊ आना अकारण नहीं है। इसी माह लखनऊ और रायबरेली प्रवास के बाद वह बीती 13 सितंबर को दिल्ली वापस गई थीं। पिछली बार जब वह लखनऊ से गई थीं तो कांग्रेस 20-21 सितंबर से प्रतिज्ञा यात्रा निकालने की तैयारी में जुटी थी। 29 सितंबर को मेरठ और अक्टूबर के पहले हफ्ते में वाराणसी और आगरा में प्रियंका की जनसभाएं कराने की योजना थी।कांग्रेस के प्रदेश संगठन में असंतोष और उथल-पुथल थमने का नाम नहीं ले रही है। जितिन प्रसाद के कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थामने के बाद मीरजापुर की मड़िहान सीट के पूर्व विधायक व प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष रहे ललितेशपति त्रिपाठी ने भी बीते दिनों पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। लिहाजा पार्टी अब प्रतिज्ञा यात्रा और प्रियंका वाड्रा की जनसभाओं का सिलसिला पितृपक्ष के बाद नवरात्र में शुरू करने की तैयारी कर रही है।माना जा रहा है कि लखनऊ प्रवास के दौरान प्रियंका कांग्रेस संगठन के अंतर्कलह से भी पार पाने की कोशिश करेगी। लखनऊ प्रवास के दौरान वह प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पुराने पदाधिकारियों से भी बातचीत कर सकती हैं। कांग्रेस के चुनाव अभियान की तैयारियों को अंतिम रूप देना भी उनके लखनऊ प्रवास का मकसद होगा। न सिर्फ वह कांग्रेस की प्रतिज्ञा यात्रा के प्लान को फाइनल टच देने की कोशिश करेंगी बल्कि इसी के साथ प्रदेश के विभिन्न शहरों में अपनी जनसभाओं की श्रृंखला का स्वरूप तय करेंगी। विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के उम्मीदवारों की प्रारंभिक लिस्ट पर भी वह संगठन और सलाहकारों के साथ मंथन करेंगी। वह पार्टी के प्रशिक्षण और संगठन सृजन कार्यक्रम की प्रगति की भी समीक्षा करेंगी।
