वाराणसी। अवैध निर्माण के जरिए धन उगाही करने के आरोप में वाराणसी विकास प्राधिकरण के दो जेई गुरुवार को निलम्बित हो गए। शासन स्तर से यह कार्रवाई वीडीए वीसी के भेजे गए संस्तुति रिपोर्ट के आधार पर हुई है। इस कार्रवाई से वीडीए में हड़कम्म मचा हुआ है।भ्रष्टाचार को लेकर योगी आदित्यनाथ सरकार सख्त है। जीरो टालरेंस की नीति पर काम कर रही सरकार का एजेंडा है भ्रष्टाचार मुक्त वातावरण। ऐसा करने वालों के खिलाफ आये दिन कार्रवाई हो रही है और दंडित भी हो रहे हैं। भ्रष्टाचार में लिप्त जिन दो जेई का निलम्बन हुआ है वह आनंद कुमार अस्थाना और रामचंद्र यादव हैं। जेई अस्थाना की नगवां वार्ड में तैनाती के दौरान अवैध निर्माण की शिकायत मिली। वीडीए वीसी ईशा दुहन ने खुद मौके पर जाकर जब चेक किया तो मौके पर ही 105 अवैध निर्माण मिले। वीसी ने तत्काल मौके से ही इन निर्माणों की फोटो खिंचकर भेजा और कमेटी बनाकर जांच कराई तो चौंकाने वाले परिणाम आये। जांच में सभी निर्माण अवैध मिले जिसके बाद वीसी ने स्पष्टीकरण तलब किया।जवाब से असंतुष्ट वीसी ने इसकी रिपोर्ट शासन को तलब की जहां से निलम्बन की कार्रवाई हुई। वहीं दशाश्वमेध वार्ड में तैनात जेई रामचंद्र यादव के खिलाफ फोन पर पैसा मांगने का आरोप है। एक साल पहले वीडियो वायरल होने के बाद तत्कालीन वीसी ने इसकी रिपोर्ट शासन को भेजी थी। वहीं वार्ड में तैनाती के दौरान कई नक्शों को कायदे-कानून को ताक पर रखते हुए पास किया गया जिसकी शिकायत के बाद वीसी ने शासन को रिपोर्ट भेजी जिसके बाद रामचंद्र को भी शासन ने निलम्बित कर दिया। वीडीए वीसी ईशा दुहन ने बताया कि जेई आनंद कुमार अस्थाना व रामचंद्र यादव को शासन ने निलम्बित करते हुए वीडीए को आदेश की कॉपी भेजा है। बताया कि प्राधिकरण की छवि धूमिल करने वाले ऐसे सभी तरह के लोगों पर सख्त कार्रवाई होगी।विकास प्राधिकरण से जिन तीन जेई का स्थानांतरण गैर जनपद में हुआ था उनमें रामचंद्र यादव भी थे। बुधवार को ही वह यहां से कुशीनगर विकास प्राधिकरण के लिए रिलीव हुए थे।