कानपुर, । बिकरू कांड में आरोपित अमर दुबे की पत्नी की मंगलवार को किशोर न्याय बोर्ड में पेशी हुई। फर्जी दस्तावेज लगाकर सिम इस्तेमाल समेत अन्य मामलों में सुनवाई हुई। उसके साथ ही चौबेपुर थाने के विवेचक के बयान दर्ज किए गए। मामले में 13 सितंबर अगली तारीख नियत की गई है। चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरू गांव में दो जुलाई-2020 को दबिश देने गई पुलिस टीम पर गैैंगस्टर विकास दुबे व उसके गैंग ने फायरिंग कर दी थी। घटना में आठ पुलिस कर्मियों की मौके पर मौत हो गई थी। पुलिस ने गैंग से जुड़े 35-40 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। वहीं, मामले में आरोपित अमर दुबे की पत्नी पर भी फर्जी दस्तावेज से सिम लेकर इस्तेमाल करने समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था।पूरे प्रकरण की सुनवाई किशोर न्याय बोर्ड में चल रही है। मंगलवार को अमर दुबे की पत्नी को बाराबंकी स्थित संप्रेषण गृह से यहां लाया गया। उसने अपना बयान बोर्ड में दर्ज कराया। वहीं, चौबेपुर थाने के विवेचक एसआइ कृष्णमोहन राय ने भी आरोपों के संबंध में बोर्ड के समक्ष बयान दर्ज कराए। इसके बाद पुलिस अभिरक्षा के बीच अमर दुबे की पत्नी को वापस भेज दिया गया। सहायक अभियोजन अधिकारी जय सिंह यादव ने बताया कि बयान दर्ज किया गया है। अब अगली सुनवाई 13 सितंबर को होगी। राजकीय संप्रेक्षण गृह बाराबंकी की सहायक अधीक्षिका कंचन त्यागी ने पत्र के माध्यम से अमर दुबे की पत्नी पर गंभीर आरोप लगाए थे। हालांकि पत्र पुराना था, जिसमें कहा गया कि ’10 से 18 वर्ष की किशोरियां संस्था में निरुद्ध हैं, जबकि अमर की पत्नी विवाहिता है। उस पर प्रश्न खड़े करते हुए आरोप लगाया गया था कि वह धमकियां देती है कि किसी भी किशोरी या संस्था के व्यक्ति को उठवा सकती है। उसके संपर्क बड़े-बड़े लोगों से हैं।’ इन हालातों को देखते हुए उसको संप्रेक्षण गृह से हटाकर कहीं और रखा जाए।