ख़बर दृष्टिकोण
लखनऊ।केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के रण बांकुरों की गाथा को पुलिस स्मृति दिवस के रुप में भारत के सभी अर्द्धसैनिक बल एवं राज्य/नागरिक पुलिस संगठन मनाते हैं!21 अक्टूबर 1959 को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के रण बांकुरों द्वारा अपने देश की सरहद की सुरक्षा में दिया गया बलिदान तब आज भी जीवंत हो उठता है जब हम पुलिस स्मृति दिवस मनाते हैं! इस दिन उत्तर पूर्वी लद्दाख क्षेत्र के हॉट स्प्रिंग एरिया में चीन के साथ सटी भारतीय सीमा की सुरक्षा में तैनात सीआरपीएफ की तृतीय वाहिनी के गश्ती दल पर चीनी सैनिकों ने घात लगाकर हमला किया जिसमें सीआरपीएफ के 10 जवानों ने अपने प्राणों की आहुति दी तथा 7 जवान गंभीर रुप से घायल हो गए ,चीनी सैनिकों की बर्बरता हमें सदैव अपने कर्तव्य पथ का पाथेय स्वतः बनने की याद दिलाती है! सीआरपीएफ के वीरों ने अपना सर्वस्व न्यौछावर कर बार बार देश की एकता,अखंडता एवं संप्रभुता की रक्षा की है तथा भविष्य में भी सीआरपीएफ देश रक्षा में सर्वस्व न्यौछावर करने के लिए दृढ़ प्रतिज्ञ है! पुलिस स्मृति दिवस मनाने के क्रम में आशियाना स्थित 93 बटालियन सीआरपीएफ मुख्यालय में आयोजित कार्यक्रम के दौरान वाहिनी के सभी अधिकारियों एवं जवानों ने शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की साथ ही वाहिनी के कमांडेंट देवेन्द्र नाथ यादव ने अपने संबोधन में सभी को पुलिस स्मृति दिवस की महत्ता बताई तथा पूर्ण निष्ठा से कर्तव्य पालन करते रहने की शपथ दिलाई ! इस अवसर पर 93 बटालियन केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के उप कमांडेंट संजय कुमार सिंह एवं अरुण कुमार सिंह,निरीक्षक आलोक कुमार श्रीवास्तव एवं अन्य जवान उपस्थित रहे।
