(खबर दृष्टिकोण) बाराबंकी।आज 13 अप्रैल को गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा लाजपत नगर, बाराबंकी में सिख समाज के द्वारा बड़े ही हर्षोल्लास,जोश व धूमधाम से बैसाखी का पर्व मनाया गया।हर साल वैसाख के महीने में बैसाखी का पर्व धूम धाम से मनाया जाता है।मान्यता है कि वर्ष 1699 में बैसाखी के दिन सिखों के 10वें गुरु, गुरु गोबिंद सिंह जी ने श्री आनंदपुर साहिब मे पवित्र खालसा पंथ की स्थापना की थी। खालसा साजना दिवस सिखों के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है। यह दिन उन्हें उनके इतिहास और उनकी विरासत की याद दिलाता है। यह दिन उन्हें सेवा, समानता और न्याय के मूल्यों को बनाए रखने के लिए प्रेरित करता है।खालसा साजना दिवस सभी मनुष्यों के लिए भी एक महत्वपूर्ण दिन है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि हमें अन्याय के खिलाफ खड़ा होना चाहिए और धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा करनी चाहिए। यह दिन हमें सेवा और समानता के मूल्यों को अपनाने के लिए भी प्रेरित करता है।पारंपरिक रूप से देखा जाए तो यह त्योहार सिख समुदाय के लोग फसल पकने की खुशी में भी मनाते हैं। वैसाख महीने तक रबी की फसलें पक जाती हैं और उनकी कटाई शुरू हो जाती है। वैसाखी के मौके पर हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी गुरुद्वारे को विशेष रूप से सजाया गया। गुरुद्वारे में वैसाखी की पूर्व संध्या पर विशेष कीर्तन दीवान सजाया गया जिसमें चंडीगढ़ से आए ‘भाई हरप्रीत सिंह जी’ ने संगत को शबद कीर्तन से जोड़ा। इसके उपरांत गुरु का अटूट लंगर वितरित किया गया। वैसाखी के दिन सुबह 8 अप्रैल को शुरू हुए सहज पाठ की समाप्ति हुई। दोपहर 12:30 बजे कीर्तन दीवान सजाया गया जिसमें हजूरी रागी ‘भाई तीरथ सिंह जी’ ने ‘अमृत पीवो सदा चिर जीवो’, ‘एक पिता एकस के हम बालक’ शबद गायन से आई साध संगत को गुरुबाणी से जोड़ा। इसके बाद ’भाई हरप्रीत सिंह जी चंडीगढ़ वाले’ ने शबद कीर्तन से संगत को निहाल किया। अरदास के उपरांत गुरु का अटूट लंगर वितरित किया गया। इस मौके पर गुरुद्वारे के प्रधान भूपेंद्र सिंह जी, उप प्रधान रविंद्र कालरा जी, सेक्रेटरी हरपाल सिंह जी,राजदीप सिंह नवल,कोषाध्यक्ष हरप्रीत सिंह,मीडिया प्रभारी प्रीत सिंह,बलबीर सिंह सनी, चरणजीत सिंह, सतनाम सिंह खालसा जी एवम समूह साध संगत मौजूद रही।



