ख़बर दृष्टिकोण उन्नाव संवाददाता अजीत कुमार यादव
उन्नाव सोमवार को अभिषेक पासी पुत्र दयालु पासी ग्राम पोनी शुक्लागंज के रहने वाले पीड़ित ने गांव के रहने वाले शिवम्, अखिलेश, सोनी व पूजा पुत्री राजकुमार पाण्डेय पर आरोप लगाते हुए बताया है कि ये लोग लगातार जान से मारने व गाँव छोड़ने की धमकी लगातार 1 साल से दे रहे है। इनके डर की वजह से मैं बाहर रहकर प्राइवेट नौकरी कर रहा हूँ और अपने गाँव नहीं आ पा रहा हूँ। 27 दिसम्बर को अखिलेश ने मुझे जान से मारने व फर्जी मुकदमें में फंसाने की धमकी दी थी। जिसकी वाइस रिकार्डिंग पीड़ित के पास उपलब्ध है। गाँव आने पर खुला चैलेन्ज किया था कि गाँव आने पर तुम्हें देख लेंगे, मुझे जनवरी में आवश्यक कार्य से अपने गाँव आना था, लेकिन इनके डर की वजह से मैं गांव वापस नहीं आ पाया। लेकिन फरवरी में माता-पिता की तबियत ज्यादा खराब होने के कारण मुझे गांव 11 फरवरी को वापस आना पड़ा, जब मैं गांव आया तो मुझे देखते ही इनकी बहनें सोनी व पूजा मुझे जातिसूचक गालियां देते हुए कहने लगी कि पसेहू गाँव छोड़कर भाग जाओं वरना मेरे भाई अखिलेश व शिवन तुम्हारी हत्या कर देंगे। इसकी शिकायत जब मैंने अपने माता-पिता से की तो वह कहने लगे। ये दबंग लोग है। इनकी सुनवाई कहीं नहीं होती है। यह लोग आये दिन गांव के लोगों से गाली-गलौज व मारपीट करते रहते हैं, पुलिस भी इनका कुछ नहीं करती। उल्टा यहीं लोग सीधे-साधे लोगों को फर्जी एवं झूठे मुकदमें में फंसाकर जेल भिजवा देते है। 15 मार्च को जिस दिन होली जली थी, उस रात लगभग 8 बजे मैं होली के पास खड़ा था, उसी समय शिवम व अखिलेश व 2 अज्ञात व्यक्ति के साथ आये और अखिलेश ने मेरी कनपटी पर कट्टा निकालकर लगा दिया और शिवम् मेरे साथ हाथापाई करने लगा, दोनों भाई व अज्ञात दो अन्य मुझे मारने-पीटने लगे, कहने लगे मादरचोद पसेहू गांव छोड़कर भाग वरना तुम्हारी हत्या कर देंगे। इस बीच गाँव के लोगों ने बीच-बचाव किया, तब ये लोग चले गये। ठीक दूसरे दिन 16 मार्च को मैं रात में पोनी से शुक्लागंज जा रहा था, तो उपरोक्त लोगों ने घेराबंदी कर मुझे मारा-पीटा व धमकी दी अभी तक तुम गांव छोड़कर गये नहीं, साले भाग जाओ वरना जान से भी मार देंगे अथवा तुम्हे अपनी बहनों से 376 का मुकदमा लगवाकर जेल भेज देंगे, जीवन भर जेल में सड़ते रहता। जिससे आहत होकर आज पीड़िता युवक ने प्रार्थना-पत्र पर गंभीरता से विचार करते हुए दोषियों के विरूद्ध कानूनी कार्यवाही करने की साथ ही प्रार्थी की जान व माल की रक्षा की जाने की मांग की है।
