करीब पच्चीस वर्ष पूर्व डाली गई ह्युम पाइप से बने नाले में रिसाव से धसी सड़क
ख़बर दृष्टिकोण लखनऊ
संवाददाता लखनऊ।
लखनऊ। सूबे के मुखिया के ड्रीम प्रोजेक्ट राजधानी को स्मार्ट सिटी में तब्दील करते हुए जनता को स्वच्छ वातावरण, पीने का स्वच्छ पानी और गड्ढा मुक्त सड़कों की सुविधा देने में लगातार फेल साबित हो रहा है। ऐसा ही मामला एक बार फिर से सामने आया जहां बारिश के दौरान लखनऊ यूनिवर्सिटी के सामने की सड़क धंस गई और मामले की सूचना पाकर मौके पर नगर निगम ,लोक निर्माण विभाग के अधिकारी मौके पर आ गए और सड़क के धंसने की वजह की तलाश में जुट गए। जानकारी के तहत लखनऊ विश्वविद्यालय के सामने गुरूवार रात हुई जोरदार बारिश के बाद सड़क के बीचो बीच सड़क धंस गई और लगभग 10 फीट गहराई का एक बड़ा गड्ढा हो गया।
मामले की सूचना राहगीरों ने नगर निगम को दी। सूचना पाकर मौके पर पहुंची नगर निगम ने गड्ढे के चारों तरफ बैरिकेटिंग की ताकि कोई हादसा न हो सके और पीडब्लूडी और लोक निर्माण विभाग को सूचना पाकर मौके पर पहुंचे। दोनों विभागों के अधिकारियों ने मामले की जांच शुरू की तो पाया कि लखनऊ मेट्रो द्वारा डाले गए. केबिल तारों की वजह से सीवर पाइप टूट गई और रिसाव के चलते जमीन के नीचे की मिट्टी बह गई और सड़क धंस गई।
नगर निगम जोन 3 इंजिनियरिंग विभाग की टीम द्वारा गड्ढे को भरने का काम शुरू कर दिया गया है जल्द ही पीडब्ल्यूडी विभाग इस पर सड़क बनाने का काम करेगा। बता दें कि दो वर्ष पूर्व भी इसी रोड पर सड़क धंसने का मामला हुआ था। बार बार सड़क धंसने के मामले सामने आने से राजधानी वासियों में वर्षा मौसम के दौरान डर बैठ चुका है कि कहीं कोई हादसा न हो जाये। अभी हाल ही में राजधानी के ट्रांसपोर्ट नगर में बारिश के दौरान एक तीन मंजिला इमारत ढह गई थी और कई लोगो की मौत हो गई थी और कई घायल हो गए थे। बिल्डिंग गिरने की जांच के लिए लगाईं गई टीम और दर्ज मुकदमे में घटिया निर्माण की बात सामने आई थी। वहीं राजधानी की समस्त गलियों और सड़कों पर बने सीवर के ढक्कनों में आई दरारों से हर पल सड़क हादसे हो रहे हैं लेकिन न तो नगर निगम द्वारा न पैचिंग करवाई गई न ही गड्ढों की दरारों को भरवाया गया।
लोक निर्माण विभाग प्रांतीय खण्ड के सहायक अभियंता बी के पाण्डेय ने मौके का निरिक्षण कर कहा कि के नगर निगम,जलकल काम कर के दे हम सड़क तत्काल बनाने को तैयार है।वही जीएम जलकल सहायक अभियंता तथा नगर निगम जलकल ने जानकारी देते हुए कहा कि नगर निगम के ड्रेन में कमी आने से यह जल रिसाव हुआ ।यह नाला लगभग 25 वर्ष पूर्व 1200 मिमी की ह्यूम पाइप से बनाया गया था। धसाव वाले स्थान पर मैनहोल के पास से जल रिसाव होने के कारण यह सड़क छतिग्रस्त हुई।