वाराणसी। महज तीन साल का सिद्धार्थ रोजाना पिता चिरंजीव प्रजापति पीठ पर सवार होकर पास के ही ट्यूबवेल पर पहुंचता था। पानी की टंकी में पिता के साथ अठखेलियां और मस्ती उसकी आदत में शुमार हो चुकी थी, लेकिन उसकी यही आदत उसके लिए जानलेवा भी साबित हुई। रविवार को पिता काम की तलाश में शहर चले गए थे और आदत के मुताबिक मासूम सिद्धार्थ अकेले ही ट्यूबवेल पर जा पहुंचा। ट्यूबवेल की टंकी में डूबने से उसकी मौत हो गई। शोकाकुल परिवारीजनों ने पुलिस को सूचित किए बिना ही शक को दफन कर दिया।जानकारी के मुताबिक पिता के शहर चले जाने के बाद सिद्धार्थ अकेले ही ट्यूबवेल पर पहुंच गया था और खेलते-खेलते टंकी में गिर गया, जिससे उसकी मौत हो गई। जब गांव की महिलाएं ट्यूबवेल पर नहाने पहुंचे तो मासूम का शव देख सहम गईं। शोर-शराबा होने पर गांववाले वहां पहुंचे। विडंबना ये रही कि उस वक्त घर पर न पिता चिरंजीव थे और न माता शीला। पिता काम की तलाश में शहर गए थे तो वहीं माता पुत्री का इलाज कराने उसे लेकर जंसा के एक हास्पिटल गई थीं। सिद्धार्थ तीन बहनों का इकलौता भाई था। खबर मिलते ही वह गश खाकर गिर पड़ीं। बाद में परिवारीजनों ने पुलिस को सूचित किए बिना ही रीति-रिवाज के अनुसार दफना दिया। हृदय विदारक घटना पर पूरा गांव स्तब्ध था। अधिकांश घरों में चूल्हे ही नहीं जलाए गए।
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