48 घंटे बीत जाने के बावजूद भी नहीं हो पाई लाइफ केयर हॉस्पिटल की जांच
स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही!
या फिर डाक्टर विपिन की ऊंची पहुंच के कारण चुप्पी साधे है सीएचसी अधीक्षक
आशीष कुमार सिंह विशेष संवाददाता
लखनऊ- महिला के ऑपरेशन हो जाने के बाद उसके टांके पक आए थे जिसका इलाज अब प्राइवेट प्रेम हॉस्पिटल में चल रहा है जहां पर महिला की हालत बताई जा रही है और भी नाजुक होती जा रही है।
आपको बता दें लाइफ केयर हॉस्पिटल की जांच के लिए टीम गठित की थी सीएचसी अधीक्षक जेपी सिंह ने नोडल अधिकारी डा• छब्बन अली बीपीएम, पूनम और अजीत यादव बीसीपीएम यह तीनों अधिकारी 48 घंटे बीत चुके हैं लेकिन अभी तक लाइफ केयर हॉस्पिटल की जांच पूरी नहीं कर पाए हैं इस कृतज्ञ को देखते हुए ऐसा लगता है। ऐसा असर लगाया जा रहा है की लाइफ केयर हॉस्पिटल के मालिक डॉक्टर विपिन के ऊपर कोई बड़ा राजनीतिक हांथ है। क्योंकि स्वास्थ्य विभाग का काम अगर इस तरीके से होगा तो यह लचर व्यवस्था को देखकर जनता के अंदर एक डर सा बनता जा रहा है कहीं ना कहीं मुझे ऐसा लगता है कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की वजह से इस खामियाजे का असर कहीं 2027 के चुनाव पर ना पड़ जाए। और विपक्ष को मुद्दा मिल जाए देखते हैं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्य नाथ योगी व डिप्टी सीएम स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक स्वास्थ्य की व्यवस्थाएं ठीक करने के लिए कौन सा अब कदम उठाएंगे जिससे कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी अपनी जिम्मेदारी समझ कर त्वरित कार्य करने का काम करें।
पीड़ित राजकुमार और उसकी मां पहुंची मुख्य चिकित्सा अधिकारी के कार्यालय पर लगाई गुहार
48 घंटे बीत जाने के बाद जब पीड़ित को न्याय नहीं मिला तो आज वह सीएमओ ऑफिस में करीब 3 घंटे बैठकर सीएमओ साहब से मिलने का इंतजार करते रहे मीटिंग खत्म होने के बाद सीएमओ साहब ने पीड़ित से एप्लीकेशन लिया और उपमुख्यमंत्री चिकित्सा अधिकारी अखंड प्रताप सिंह को कार्यवाही करने के लिए फोन से लाइफ केयर हॉस्पिटल का नाम लेकर पीड़ित को और उसकी मां को उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी के ऑफिस भेज दिया जहां पर डॉक्टर अखंड प्रताप सिंह पीड़ित की मां से बोले की आपको पैसा वापस चाहिए या फिर कार्यवाही अब देखने वाली बात यह होगी कि आखिर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी लाइफ केयर हॉस्पिटल की जांच करके पीड़ित को क्या न्याय दिलाते हैं यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा।