आखिर क्यों मनाते हैं शौर्य दिवस …….
संवाददाता समीर खान
ख़बर दृष्टिकोण लखनऊ।
लखनऊ । अप्रैल 1965 में पाकिस्तानी सेना ने अभियान”Desert Hawk”को अंजाम दिया, जिसमें पाकिस्तान का मकसद भारतीय भूभाग जो कि उस समय पश्चिमी पाकिस्तान से लगा हुआ था, उसे हथियाना या कब्जा करना था । उस समय केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की द्वितीय बटालियन की चार कंपनी सरदार और टाक पोस्ट जो कि रण आफ कक्ष गुजरात में पश्चिमी पाकिस्तान के बॉर्डर इलाके से लगा हुआ था, में तैनात थी । दिनांक 9 अप्रैल को सुबह के लगभग 0330 बजे पाकिस्तान सेना के 3500 सैनिकों वाली एक इन्फेंट्री ब्रिगेड ने केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की सरदार और टाक चौकियों पर हमला किया । केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के जवानों ने इसका निर्भीकता,निडरता और बहादुरी से डटकर मुकाबला किया और पाकिस्तानी सेना के हमले को नाकाम कर उन्हें पीछे खदेड दिया जिसमें पाकिस्तानी सेना के 34 सैनिक मारे गए और चार को बंदी बना लिया गया। इसी हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के आठ जवान शहीद हुए और 19 जवानों को पाकिस्तानी सेना ने बंदी बना लिया अप्रैल 1965 में पाकिस्तानी सेना ने अभियान”Desert Hawk”को अंजाम दिया जिसमें पाकिस्तान का मकसद भारतीय भूभाग जो कि उस समय पश्चिमी पाकिस्तान से लगा हुआ था, उसे हथियाना या कब्जा करना था । उस समय केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की द्वितीय बटालियन की चार कंपनी सरदार और टाक पोस्ट जो किरण आपकक्ष गुजरात में पश्चिमी पाकिस्तान के बॉर्डर इलाके में लगा हुआ था, में तैनात थी । दिनांक 9 अप्रैल को सुबह के लगभग 0330 बजे पाकिस्तान सेना के 35 सैनिकों वाली एक इन्फेंट्री ब्रिगेड ने केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की सरदार और टाक चौकियों पर हमला किया । केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के जवानों ने इसका निर्भीकता,निडरता और बहादुरी से डटकर मुकाबला किया और पाकिस्तान सेना के हमले को नाकाम कर उन्हें पीछे खदेड दिया जिसमें पाकिस्तान सेना के 34 सैनिक मारे गए और चार को बंदी बना लिया गया। इसी हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के आठ जवान शहीद हुए और 19 जवानों को पाकिस्तानी सेना ने बंदी बना लिया और उन्हें अपने मन सूबे में कामयाब नहीं होने दिया। सैनिक लड़ाई के इतिहास में एक छोटी सी टुकड़ी ने एक पूरे इन्फेंट्री ब्रिगेड के नियोजित आक्रमण को निष्फल कर दिया । इन्हीं अविस्मरणीय क्षणों को याद करते हुए, बल के जवानों की वीर गाथा और शौर्य जो कि उन्होंने उस वक्त दिखाया था ,उन्हें याद करते हुए प्रत्येक वर्ष 9 अप्रैल को शौर्य दिवस के रूप में मनाया जाता है अंत में मैं केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के जवानों को शत नमन करता हूं । द्वितीय वाहिनी केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के जवानों ने अपनी दृढ़ता अदम्य साहस और पराक्रम से पाकिस्तान सेना की 3500 सैनिकों वाली ब्रिगेड से 12 घंटे तक मुकाबला किया और उन्हें अपने मन सूबे में कामयाब नहीं होने दिया। सैनिक लड़ाई के इतिहास में यह एक अद्वितीय कार्य है जिसमें किसी अर्ध सैनिक बल के जवानों की एक छोटी सी टुकड़ी ने एक पूरे इन्फेंट्री ब्रिगेड के नियोजित आक्रमण को निष्फल कर दिया । इन्हीं अविस्मरणीय क्षणों को याद करते हुए, बल के जवानों की वीर गाथा और शौर्य जो कि उन्होंने उस वक्त दिखाया था ,उन्हें याद करते हुए प्रत्येक वर्ष 9 अप्रैल को शौर्य दिवस के रूप में मनाया जाता है अप्रैल 1965 में पाकिस्तानी सेना ने अभियान”Desert Hawk”को अंजाम दिया जिसमें पाकिस्तान का मकसद भारतीय भूभाग जो कि उस समय पश्चिमी पाकिस्तान से लगा हुआ था, उसे हथियाना या कब्जा करना था । उस समय केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की द्वितीय बटालियन की चार कंपनी सरदार और टाक पोस्ट जो किरण आपकक्ष गुजरात में पश्चिमी पाकिस्तान के बॉर्डर इलाके में लगा हुआ था, में तैनात थी । दिनांक 9 अप्रैल को सुबह के लगभग 0330 बजे पाकिस्तान सेना के 35 सैनिकों वाली एक इन्फेंट्री ब्रिगेड ने केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की सरदार और टाक चौकियों पर हमला किया । केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के जवानों ने इसका निर्भीकता,निडरता और बहादुरी से डटकर मुकाबला किया और पाकिस्तान सेना के हमले को नाकाम कर उन्हें पीछे खदेड दिया जिसमें पाकिस्तान सेना के 34 सैनिक मारे गए और चार को बंदी बना लिया गया। इसी हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के आठ जवान शहीद हुए और 19 जवानों को पाकिस्तानी सेना ने बंदी बना लिया और उन्हें अपने मन सूबे में कामयाब नहीं होने दिया। सैनिक लड़ाई के इतिहास में एक छोटी सी टुकड़ी ने एक पूरे इन्फेंट्री ब्रिगेड के नियोजित आक्रमण को निष्फल कर दिया । इन्हीं अविस्मरणीय क्षणों को याद करते हुए, बल के जवानों की वीर गाथा और शौर्य जो कि उन्होंने उस वक्त दिखाया था ,उन्हें याद करते हुए प्रत्येक वर्ष 9 अप्रैल को शौर्य दिवस के रूप में मनाया जाता है । केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के जवानों को शत नमन ।