किसान त्रस्त ,अधिकारी मस्त
कैसे मिल पाएगी किसानों को बेहतर फसल
लखनऊ।गेहूं की फसल को पानी की जरूरत है।नहरों में पानी नहीं है।सिंचाई कैसे हो इस बात की चिंता किसान को खाए जा रही है।इस मामले मे अधिकारियों को कोई चिंता नहीं है।इस बात पर सीधा कटाक्ष करते हुए कहते है कि इस समय किसान पूरी तरह से त्रस्त है तो सिंचाई विभाग के अधिकारी अपनी मस्ती में है उनके अंदर किसानों के साथ कोई हमदर्दी नही दिखाई पड़ रही है।
खेतो की सिंचाई के मामले पर गोसाईगंज इलाके के के किसानों के अंदर बेचैनी दिखाई पड़ रही है।उनका कहना है कि इस समय किसी भी नहर मे पानी नहीं है।पोषक नहर इंदिरा भी पूरी तरह से सुखी पड़ी हुई है फिर किसानों के खेतो तक पानी पहुंचाने वाली छोटी माईनरो को क्या कहा जाए।किसान ओम प्रकाश वर्मा के अनुसार सरकार को ओर से किसानों के फायदे की बड़ी बड़ी बाते की जाती है लेकिन सच्चाई क्या है यह भी किसी से छिपा नहीं है।एक अन्य किसान के अनुसार यह सरकार किसानों के लिए लाभकारी जरूर है लेकिन बड़े किसानों के लिए।छोटे किसान भूखमरी की दहलीज पर ही खड़े रहते हैं। उन पर किसी जिम्मेदार नजर ही नहीं पड़ती हैं।अब सवाल यह उठता है कि क्या पर्याप्त सिंचाई के बिना किसानों को गेहूं की अच्छी उपज मिल पाएगी?
नहरों मे पानी नहीं है इस मामले पर सिंचाई विभाग के ए ई अनुज दुबे से संपर्क करके किया गया तो उनकी ओर से बताया गया कि नहरों मे पानी 23 या 24 फरवरी को आ जाना चाहिए।साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अधिक जानकारी के लिए एक्चियन उमेश मौर्या से संपर्क स्थापित कर ले वे इस मामले पर अच्छी जानकारी दे सकते हैं।



