चेन्नई
द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) के राज्यसभा सदस्य पी. विल्सन आश्चर्य करते हैं कि गंगा नदी तमिलनाडु के किस हिस्से में बह रही है, क्योंकि राज्य में खर्च किए गए कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (सीएसआर) फंड में एक स्वच्छ गंगा शामिल है। निधि का उल्लेख है। विल्सन ने तमिलनाडु में खर्च किए गए सीएसआर फंड की राशि और उन परियोजनाओं पर सवाल उठाया जहां इसे खर्च किया गया था।
कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय में राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने अपने लिखित जवाब में सीएसआर योजना को नियंत्रित करने वाले कानून की व्याख्या करते हुए कहा कि कंपनियों द्वारा अपने बोर्ड के निर्णयों के अनुसार पैसा खर्च किया जाता है। उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 18 के दौरान तमिलनाडु में खर्च किए गए सीएसआर की राशि 627.75 करोड़ रुपये (1,305 कंपनियां), वित्त वर्ष 19 में 829.27 करोड़ रुपये (1,453 कंपनियां) और वित्त वर्ष 2020 में 919.05 करोड़ रुपये (1,316 कंपनियां) थीं।
स्वच्छ गंगा कोष में खर्च हुआ इतना पैसा
व्यय की गई सीएसआर निधियों के क्षेत्रवार बंटवारे के संबंध में, वित्त वर्ष 2020 के लिए स्वच्छ गंगा कोष के लिए क्रमशः 0.26 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2018 और 2019 के लिए 0.13 करोड़ रुपये का उल्लेख किया गया है।
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विल्सन ने ट्वीट कर यह बात कही
विल्सन ने ट्वीट किया कि तमिलनाडु में सीएसआर फंड के आवंटन पर मेरे सवाल पर, माननीय मंत्री ने जवाब दिया है कि टीएन फंड का एक हिस्सा स्वच्छ गंगा फंड के लिए इस्तेमाल किया गया है। मुझे नहीं पता था कि गंगा तमिलनाडु में बहती है।
