आगरा, । कमला नगर में मणप्पुरम गोल्ड लोन कंपनी में डकैती डालकर साढ़े नौ करोड़ रुपये के आभूषण लूटने के बाद बदमाश अलग-अलग आटो से भागे थे। जिससे कि पुलिस उन्हें आसान से नहीं पकड़ सके। डकैती डालने से पहले हिस्ट्रीशीटर नरेंद्र उर्फ लाला ने गैंग के साथ कमला नगर आकर कई बार रिहर्सल किया था। गिरोह के सदस्य बीस दिन से लगातार कमला नगर आ रहे थे। वह वारदात के बाद भागने के रास्ते का रूट मैप तैयार कर रहे थे। जिससे कि आधा घंटे में वह पुलिस की पहुंच से दूर निकल सकें। आटो से भागना पूर्व में हुई रिहर्सल का हिस्सा था। वहीं डकैती में फरार सरगना समेत बाकी बदमाशों की तलाश में पुलिस ताबड़तोड़ दबिश जारी है। पुलिस की पांच टीम फीरोजाबाद समेत अन्य स्थानों पर डेरा डाले हुए हैं।एसएसपी मुनिराज ने बताया कि शनविार को कमला नगर मणप्पुरम गोल्ड लोन में डकैती डालकर 19 किलो सोना लूटने वाले बदमाशों ने वारदात से पहले कई बार रिहर्सल की थी। पुलिस द्वारा की गई छानबीन में सामने आया है कि गिरोह का सरगना हिस्ट्रीशीटर नरेंद्र उर्फ लाला 20 दिन से कमला नगर इलाके में आ रहा था। गोल्ड लोन शाखा करीब तीन सप्ताह से बदमाशों के निशाने पर थी। वारदात के बाद पुलिस को चकमा देकर जल्द से जल्द शहर से बाहर निकलने को लेकर वह रिहर्सल की थी।बदमाशों को किस तरह से शाखा में अंदर जाना है। वहां पर लूटपाट के बाद किन रास्तों से होकर जाना है। शहर से बाहर निकलने के बाद उन्हें किस जगह पर दोबारा मिलना है। गिरोह इसकी पूरी रिहर्सल कर चुका था।एसएसपी ने बताया कि सरगना नरेंद्र गिरोह के साथ कई बार कमला नगर आया था। उसने गिरोह के साथ कमला नगर से बाइपास पर जाने वाले सभी रास्तों को देखा था। जिससे कि वह सभी एक साथ न जाकर अलग-अलग रास्तों से बाइपास पर पहुंचते। इसके बाद डग्गेमार वाहनों या टेंपों से फीरोजाबाद की ओर भागे। इससे सीसीटीवी कैमरों को चेक करने के दौरान पुलिस को उनकी फुटेज तलाशने में काफी समय लगता। तब तक वह पुलिस की पहुंचे से दूर हो चुके होते। बदमाश इसी रणनीति के तहत आटो से भागे थे।एसएसपी ने बताया कि मुठभेड़ में मारे गए बदमाशों निर्दोष और मनीष पांडेय से साढ़े किलोग्राम सोने के जेवरात, सवा लाख रुपये बरामद किए हैं। फरार सरगना नरेंद्र उर्फ लाला, अंशू और प्रभात शर्मा सभी निवासी फीरोजाबाद की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं। बदमाशों की गिरफ्तारी और डकैती में लूटे गए सोने के जेवरात बरामद करने के लिए पांच टीम बनाई गई हैं।बदमाश डकैती के बाद अपना हुलिया बदलने की तैयारी से आए थे। यह सब उन्होंने रिहर्सल के दौरान ही कर लिया था। बदमाशों काे पता था कि शाखा के कर्मचारी उनके कपड़ों के बारे में पुलिस को जानकारी देंगे। इसलिए वह पैंट-शर्ट, मास्क समेत अन्य चीजें से पहले से बैग में रखकर लाए थे। वारदात के बाद उन्हें अपने कपड़े बदलने थे। जिससे कि अपने कपडे बदलकर वह पुलिस को आसानी से चकमा दे सकें।पुलिस की छानबीन में सामने आया है कि हिस्ट्रीशीटर नरेंद्र उर्फ लाला गिरोह में नए लोगों को शामिल करता है। जिनका आपराधिक इतिहास नहीं होता, या उन पर कुछ ही मुकदमे होते हैं। कमला नगर में गोल्ड लोन शाखाा में डकैती डालने वाले गैंग में शामिल निर्दोष का भी कोई आपराधिक इतिहास नहीं था। जबकि मनीष पांडेय पर भी कुछ ही मुकदमे दर्ज थे।मकड़ी काटने की दवा लेने गए दोनों बदमाश जाल में फंस गए। निर्दोष और मनीष पांडेय के बैग में साढ़े सात किलोग्राम सोने के जेवरात व सवा लाख रुपये थे। बताते हैं बदमाश मेडिकल स्टोर पर दवा लेने गए थे। मेडिकल स्टोर वाले से उन्होंने मकडी के काटने से फफोले होने पर उसे सही करने की दवा मांगी थी। इसी दौरान पीछा करती पुलिस वहां पहुंच गई और बदमाश उसके जाल से बाहर नहीं निकल सके।