बाजारों में सरे आम बिक रहा सरकारी चावल व गेहूं
ख़बर दृष्टिकोण जालौन।
नियामतपुर जालौन वर्तमान समय में सरकार जनता को मुफ्त में चावल व गेहूं सरकारी दुकानों से जनता को मुफ्त में दे रही है प्रति माह हजारों टन चावल गेहूं का वितरण जनता में किया जाता है जिसका सरकार एक पैसा भी जनता से नहीं ले रही है मगर मुफ़्त में मिला चावल राशन कार्ड धारक व्यक्ति कोटेदार के यहां से लेकर घर भी नहीं आता है और रास्ते में ही दुकानदार को पूरा चावल बेच देता है दुकानदार चावल 20 से ₹25 प्रति किलो की दर से खुलेआम खरीद रहे हैं और पूरा खरीदा हुआ चावल निकटवर्ती बाजार कालपी उरई जालौन औरैया आदि जगहों पर बड़ी ही आसानी के साथ बेच रहे है किसी भी मंडी में चले जाइए तो बड़े ही आराम से आपको कई बड़े आढतियों के पास सैकड़ो बोरी चावल की मिल जाएंगे जबकि जनपद जालौन में कहीं भी चावल का मिल नहीं है जहां चावल निकला जा सके पर यह अलग बात है कि अब जनपद जालौन में भी धान की पैदावार होने लगी है मगर अभी कहीं मिल नहीं लगा है तो उक्त मंणियों में चावल कहां से आ रहा है जबकि प्रशासन से यह बात छिपी नहीं है कि सारा कोटे का मुफ्त में मिला हुआ चावल दुकानदारों को बेचा जा रहा है जब प्रशासन इस बात को अच्छी तरह से जानता है कि फ्री का चावल बाजारों में बेचा जा रहा है तो इस पर आज तक कार्यवाही क्यों नहीं की गई जनपद जालौन में चावल कम खाने वाले लोग हैं मगर जो राशन में चावल जनता को मिलता है वह उनके उपयोग से ज्यादा है इसलिए जरूरत भर का रखकर शेष पूरा राशन फुटकर दुकानदारों को भेज देते हैं और वह दुकानदार नजदीकी बाजारों में चावल बेच देता है सरकार को चाहिए कि जहां चावल कम इस्तेमाल किया जाता हो वहां पर गेहूं की मात्रा बढ़ा दी जाए तथा साथ में चना ज्वार बाजरा आदि जनता में उपलब्ध कराए जाएं जिससे बाजार में भी न बिके तथा गरीब जनता अपने नियमित उपयोग में भी ले सके इसलिए शासन को चाहिए कि सरकारी चावल को जो बाजारों में खुले तौर पर बिक रहा है इसको शीघ्र रोका जाए तथा जनता को चावल की जगह पर श्री अन्न का भी वितरण किया जाए जिससे कालाबाजारी भी रुक जाएगी और जनता इसका सही रूप से उपयोग भी करेगी
