अल्पवर्षण से प्रभावित जिलों में बीजों के मिनीकिट बांटे जाएंगे
ख़बर दृष्टिकोण लखनऊ।
प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही द्वारा खरीफ सीजन के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा की तिथि 10 अगस्त 2023 तक बढ़ाये जाने के बाद किसानों का अधिक से अधिक बीमा कराये जाने, खरीफ 2023 मौसम में क्रियाशील के०सी०सी० के सापेक्ष अब तक हुए बीमा कवरेज, पात्र किसानों को नया किसान क्रेडिट कार्ड जारी करने तथा गैर ऋणी कृषकों की भागीदारी की समीक्षा की गई। उन्होंने अल्पवर्षण से प्रभावित जिलों में बीजों के मिनीकिट वितरण की तैयारियों की भी जानकारी दी।
कृषि भवन लखनऊ में आयोजित कार्यक्रम में प्रदेश भर में कृषि बीमा में संलग्न बैंकर्स के साथ बीमा की अद्यतन स्थिति को लेकर समीक्षा करते हुए कृषि मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत किसानों को आपदा से राहत मिल सके इसके लिए भारत सरकार से अनुरोध करने पर 10 अगस्त तक बीमा कराने की तिथि बढ़ा दी गई है। उन्होंने कहा कि आपदा से फसल प्रभावित होने पर बीमा कंपनी से भरपाई की जा सके इसके लिए लगभग 40 लाख किसान क्रेडिट कार्ड का इस सीजन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उन्होंने बैंकरों को कहा कि जनपद स्तर पर बीमा कंपनियों के कार्यालय खोले जाएं। इन कार्यालयों का उद्घाटन सांसदों, विधायकों, जनप्रतिनिधियों, जिला अधिकारी अथवा मुख्य विकास अधिकारी से कराएं। उन्होंने बैंकर्स से कहा कि दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों के किसानों तक अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार करें। इसके लिए प्रचार वाहनों, समाचार पत्रों तथा सोशल मीडिया का प्रयोग करें। साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि किसान क्रेडिट कार्ड एनपीए में ना जाने पाएं। इसके लिए किसानों को समय-समय पर जागरूक करते रहें।
कृषि मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली प्रदेश सरकार हर परिस्थिति में किसानों के विकास के लिए समर्पित है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के 14 जनपद जो कम वर्षा से प्रभावित हैं वहां किसानों को अरहर, उड़द तथा मूंग आदि के बीजों के मिनीकिट वितरित किए जाएंगे। ताकि किसान अपने खेतों में समय से आच्छादन कर सकें। इसके लिए लगभग डेढ़ लाख मिनीकिट उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इसके माध्यम से लगभग 5800 कुंतल बीज नि:शुल्क वितरित किया जाएंगे। कम वर्षा वाले इन 14 जनपदों में शामिल हैं- झांसी, ललितपुर, जालौन, हमीरपुर, महोबा, बांदा, चित्रकूट, मऊ, देवरिया, कुशीनगर, चंदौली, मिर्जापुर, कौशांबी तथा पीलीभीत।