प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय तथा राज्य मंत्री रजनी तिवारी द्वारा सचिवालय के सभागार में वृक्षारोपण अभियान-2023, राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के कियान्वयन हेतु गठित टास्क फोर्स तथा विभागीय समीक्षा बैठक की गयी। बैठक में डॉ0 मुकुल चतुर्वेदी तथा डॉ० अनुभाग शर्मा, उपाध्यक्ष, उ०प्र० राज्य उच्च शिक्षा परिषद् द्वारा भी प्रतिभाग किया गया। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के टास्क फोर्स की बैठक में राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार), बेसिक शिक्षा विभाग श्री संदीप सिंह द्वारा भी प्रतिभाग किया गया तथा बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के सम्बन्ध में अपने विचार रखे गये।
बैठक में उच्च शिक्षा मंत्री ने समस्त राज्य विश्वविद्यालय निजी विश्वविद्यालय के कुलसचिव, निदेशक, उच्च शिक्षा तथा टास्क फोर्स के सदस्यों के साथ विस्तृत चर्चा की। उन्होने कहा कि वृक्षारोपण अभियान-2023 के अन्तर्गत वन विभाग द्वारा वर्ष 2023-24 हेतु उच्च शिक्षा विभाग हेतु जनपदवार आवंटित कुल लक्ष्य 18.54 लाख पौधरोपण निर्धारित किया गया है। उन्होने निर्देश दिया कि 22 जुलाई 2023 को वृक्षारोपण कार्यक्रम को एक ’उत्सव’ के रूप में मनाते हुए निर्धारित लक्ष्य 18.54 लाख के सापेक्ष 10 से 20 प्रतिशत अधिक पौधरोपण किया जाय। पौधरोपण हेतु विश्वविद्यालय महाविद्यालय द्वारा किये जाने वाले अच्छे कार्यों के लिये पुरस्कृत किया जाय। पौधरोपण के साथ ही साथ नुक्कड़ नाटक, पेंटिंग प्रतियोगिता, निबन्ध प्रतियोगिता इत्यादि कार्यक्रम भी आयोजित किये जायें। बैठक में अवगत कराया गया कि पौधरोपण हेतु 17,01,710 गढ्ढे का खुदाई कार्य पूर्ण कर लिया गया है। वृक्षारोपण अभियान-2023 के अन्तर्गत उच्च शिक्षा विभाग के लिये 22 जुलाई 2023 एवं 15 अगस्त 2023 का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
बैठक में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 एवं उसके क्रियान्वयन हेतु गठित टास्क फोर्स में 18 एक्शनेबल बिन्दुओं की समीक्षा की गयी। राष्ट्रीय शिक्षा नीति को स्नातक स्तर पर वर्ष 2021 में लागू किया जा चुका है। प्रदेश में 766 संस्थानों महाविद्यालयों के नैक मूल्यांकन हेतु अनुमोदित सूची क्रिस्प संस्था को उपलब्ध करा दी गयी है।
एन0आई0आर0एफ0 रैंकिंग हेतु कुल 100 संस्थानों को चयन करते हुए सहमति पत्र क्रिस्प संस्था को उपलब्ध करा दिया गया है।
बैठक में उच्च शिक्षा मंत्री ने निर्देश दिया कि 163 शैक्षिक संस्थान, जिन्होंने 05 वर्ष पूर्व नैक मूल्यांकन की कार्यवाही की है, उसके उपरान्त नहीं करा रहे हैं, वे भी नैक मूल्यांकन की कार्यवाही प्रारम्भ करें, जो संस्थान नैक मूल्यांकन की कार्यवाही नही करेंगे, उनका उत्तरदायित्व निर्धारित किया जायेगा।