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जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों का दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम सम्पन्न

लखनऊ खबर दृष्टिकोण |प्रदेश के समस्त जनपद न्यायाधीश अध्यक्ष एवं सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों का दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम रविवार को न्यायिक प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान, गोमतीनगर लखनऊ में सम्पन्न हुआ। न्यायमूर्ति आलोक माथुर, न्यायाधीश, उच्च न्यायालय, लखनऊ खण्डपीठ द्वारा मध्यस्थता विषय पर प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए मध्यस्थता के लिए अधिकाधिक मामलों को संदर्भित करने और वैकल्पिक समाधान द्वारा विवादों का निस्तारण कराने पर बल दिया गया। इसी विषय पर महाराष्ट्र राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव दिनेश पी सुराना द्वारा मध्यस्थता की प्रक्रिया और हितधारकों की भूमिका के बारे में विस्तार से बताया गया।वैकल्पिक विवाद समाधान के अन्तर्गत लोक अदालतों के माध्यम से न्यायालयो में लम्बित वादों तथा प्री लिटिगेशन वादों के निस्तारण की प्रक्रिया के बारे गौरव श्रीवास्तव, जिला जज अयोध्या एवं रजत सिंह जैन जिला जज मेरठ द्वारा विस्तार से चर्चा की गयी एवं विगत राष्ट्रीय लोक अदालत में उप्र राज्य द्वारा सम्पूर्ण भारतवर्ष में सर्वाधिक मामलों के निस्तारण की उपलब्धि को रेखांकित किया गया। इसी संदर्भ में जया प्रियदर्शनी, सिविल जज द्वारा ई चलानो के निस्तारण की प्रक्रिया के बारे में बताया गया। संतोष कुमार, सदस्य सचिव, झारखण्ड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा अपने सम्बोधन में लीगल एड क्लीनिक के प्रभावी पर्यवेक्षण, विधि के छात्र छात्राओं को अधिक से अधिक पराविधिक स्वयं सेवकों के रूप में उनकी सेवाओं का उपयोग तथा एक गाॅव को चिन्हित करते हुए उसे वाद विहीन करने का प्रयत्न किया जाना चाहिए। इसके अतिरिक्त इस बार पर भी बल दिया गया कि जेलों में स्थापित लीगल एड क्लीनिक को अत्यधिक गतिशील बनाया जाना चाहिए और ई-प्रिजन पोर्टल पर बंदियों की अद्यतन जानकारी अपलोड की जानी चाहिए।समापन दिवस के अंतिम सत्र में जनपद न्यायाधीश, प्रतापगढ़ द्वारा सर्वाइकल कैंसर पर अपने सम्बोधन में बताया गया कि भारत की महिलाओं में होने वाले सबसे आम कैंसर सर्वाइकल कैंसर है। सर्वाइकल कैंसर का बचाव और इलाज दोनों ही हो सकता हैै। लेकिन इसके प्रति महिलाओं में जाकरूकता कम होने की वजह से, डाक्टर्स को सही समय पर जानकारी नही मिल पाती और इलाज मिल पाना मुश्किल हो जाता है। और शिविरों के माध्यम से व्यापक जागरूकता कार्यक्रम चलाने की जरूरत होगी जिससे लड़कियों तथा उनके अभिभावकों को सर्वाइकल कैंसर की जानकारी हो सके। डा नीतू सिंह, डा राजीव मिश्रा एवं डा मंजूलता वर्मा द्वारा बताया गया कि सर्वाइकल कैंसर को एचपीवी वैक्सीनेशन और आधुनिक स्क्रीनिंग टेक्नोलाजी का प्रयोग करके रोका जा सकता है। इसकी वैकसीन 9 से 26 साल की लड़कियों के लिए उपलब्ध है। परन्तु हम सभी को पहले इस संबंध में व्यापक जागरूकता लानी होगी।दो दिवसीय समापन समारोह में उप्र राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव, संजय सिंह-। ने अपने समापन सम्बोधन में कहा कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम से आपका ज्ञानवर्धन होने के साथ-साथ आपके अनुभव में वृद्वि अवश्य हुई होगी। संजय सिंह-।, सदस्य सचिव, द्वारा इस दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में पधारे न्यायमूर्तिगण, विभिन्न प्रदेशों से पधारे सदस्य सचिवगण तथा अन्य अतिथिगणों का आभार प्रकट किया एवं धन्यवाद ज्ञापित किया तथा विनोद सिंह रावत, निदेशक न्यायिक प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान, एवं फैकल्टी के सभी सदस्यों, का ह्दय से धन्यवाद ज्ञापित किया।

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