लखनऊ खबर दृष्टिकोण |भगवान बुद्ध जी की 2585 वीं जयन्ती (बुद्ध पूर्णिमा) के अवसर पर पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने शुक्रवार को अन्तर्राष्ट्रीय बौद्ध-शोध संस्थान, लखनऊ में आयोजित नवयुगारम्भ कार्यक्रम का दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारंभ किया। उन्होंने इस अवसर पर कहा कि सभी धर्म गुरू अपनी-अपनी भूमिका का पूरी निष्ठा से निर्वहन करें, तो भारत को विकसित राष्ट्र एवं विश्व गुरू बनने से कोई नहीं रोक सकता।धर्म गुरू प्रयास करें कि समाज में शांन्ति बनी रहें, सामाजिक समरसता रहें, छोटे-छोटे झगडे़ं न हो , यही सच्चे अर्थों में देश एवम समाज सेवा होगी।जयवीर सिंह ने कहां कि हम मिलकर एक-जुट होकर देश एवं समाज की भलाई की बात करें,तो ‘‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत‘‘ का सपना साकार होगा। उन्होंने कहा कि जैसे सभी नदियॉ अन्त में समुद्र से मिलती हैं, उसी प्रकार किसी भी धर्म को मानने वाले चाहे बौद्ध, हिंदू , सिख, ईसाई कोई भी धर्म हो सभी अन्त में मानवता में सद्भावना शांति संस्कार की ही बात करते हैं । भारत की एक समृद्ध सशक्त गौरवमयी सांस्कृति विरासत है। यहां सभी धर्मों के मानने वाले लोग रहते है। गंगा-जमुना तहजीव उ0प्र0 पर की सांस्कृति विरासत का मूल तत्व है।
इस अवसर पर हम सब संकल्प करें कि आपसी मतभेदों को दूर रखते हुए विश्व को शान्ति का सन्देश दे। जिससे कि विश्व का कल्याण, हो शान्ति एवं समृद्धि आये। उपास्थित सभी महानुभावों को एवं देश-प्रदेश के लोगों को बुद्ध पूर्णिमा की बधाई एवं शुभकामना देता हॅू।इस अवसर पर डॉ अजय कुमार जैन हारगोविन्द बौद्ध डीपीसिंह उपास्थित थे।