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सरकारी कर्मचारियों के भांति विद्युत कर्मियों को कैशलेस इलाज व बिमा का लाभ मिले |

ऊर्जा मंत्री ने विद्युत कर्मियों का बेवजह उत्पीड़न न होने का दिया आश्वासन

 

लखनऊ खबर दृष्टिकोण | ऊर्जा मंत्री ए के शर्मा शनिवार को डालीबाग स्थित गन्ना संस्थान में आयोजित उ0प्र0 विद्युत मजदूर पंचायत के 24वें सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत किया। इस अवसर पर मंच से अपने सम्बोधन में नगर विकास ऊर्जा मंत्री ने कहा कि सरकारी कर्मचारियों की भांति विद्युत कर्मियों को भी कैसलेस इलाज की सुविधा मिले, इसके लिए प्रस्ताव बनाया जा रहा है। विद्युत कार्मिकों की एसीपी की विसंगतियां दूर हों तथा सभी संविदा कर्मियों के मानदेय में एकरूपता बने, इसके लिए भी प्रयास किये जायेंगे। विद्युत कर्मियों की दुर्घटना में आकस्मिक मृत्यु पर उनकी क्षतिपूर्ति को 05 लाख रुपये से बढ़ाने पर विचार किया जायेगा। विद्युत कर्मियों को भी बीमा का लाभ मिले इन सभी मामलों पर विचार करके एवं आपसी संवाद से कार्मिकों के हित में निर्णय लिया जायेगा। विद्युत कर्मचारी संघर्ष समिति के साथ 03 दिसम्बर, 2022 को हुए समझौते के कुछ बिन्दुओं को पूरी तरह से लागू करना संभव नहीं होगा। उन्होंने विगत एक वर्षों में विद्युत कर्मियों द्वारा विभाग हित में किये गये परिश्रम की सराहना की और कहा कि उनकी बदौलत आज विद्युत इकाइयां 08 प्रतिशत की ज्यादा पीएलएफ क्षमता से कार्य कर रहीं। विभाग के एटीएस लॉस में 05 प्रतिशत की कमी आयी, जो कि पहले 31 प्रतिशत थी। राजस्व वसूली में भी वृद्धि हुई है और बिजली उत्पादन भी 13.39 प्रतिशत बढ़कर 39691 मिलियन यूनिट हुआ है, जो कि प्रशंसनीय है।

सभी विद्युत कर्मी को ऊर्जा परिवार का अभिन्न अंग है, आपसी संवाद से समस्याओं का निदान करे और सभी एक साथ मिलकर जनता की सेवा करेंगे। विद्युत कर्मियों की जायज एवं सार्थक मांगों पर सरकार विचार करेगी और उनके कार्यों से उन्हें सम्मानपूर्ण जीवन जीने का अवसर मिलेगा।इस दौरान उन्होंने विद्युत कर्मियों का बेवजह उत्पीड़न न होने देने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय एवं प्रदेश सरकार के नीतिगत निर्णयों के आधार पर ही हड़ताल के दौरान चिन्हित किये गये विद्युत कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी। कोई भी विद्युत कर्मी विद्युत व्यवधान करने का प्रयास न करे और जनजीवन को प्रभावित न होने दे। विद्युत विभाग के ऊपर इस समय 82 हजार करोड़ रुपये का लोन है और 01 लाख करोड़ रुपये के घाटे में चल रहा है।ऐसे में ऋण लेकर घी पीना विद्युत कर्मियों की सेहत के लिए ठीक नहीं होगा। विभाग घाटे में होने से किसी को भी कोई फायदा नहीं होगा। इस आर्थिक संकट से विभाग को उबारना आवश्यक है। आयोजित इस सम्मलेन में मुख्य अभियन्ता हाईडिल ए के श्रीवास्तव, विद्युत मजदूर पंचायत के अध्यक्ष बीसी उपाध्याय, महामंत्री गिरीश कुमार पाण्डेय, राजनारायाण सिंह, पीएन तिवारी, नरेश चन्द्र शर्मा, निर्भय नारायण, डॉ0 आरबी सिंह, हिन्द मजदूर संघ के महामंत्री उमाशंकर मिश्र, विद्युत अभियन्ता संघ के अध्यक्ष राजीव सिंह सहित प्रदेश भर से आये संगठन के अन्य प्रतिनिधि मौजूद रहे ।

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