खबर दृष्टिकोण
संवाददाता पुरवा उन्नाव
प्रदेश सरकार द्धारा आवागमन की व्यवस्था बेहतर रूप से रखने के लिए सड़कों पर विशेष ध्यान दे रही है। लेकिन धरातल पर बैठे जिम्मेदार सरकार की बातों को अनसुना ही करते रहते हैं। योगी सरकार ने अपने सभी अधिकारियों और ठेकेदारों को निर्देश कर रखा है कि सड़कों को गड्ढा मुक्त रखा जाए। लेकिन जब जिम्मेदार अधिकारी और ठेकेदार केवल मलाई खाने और कमीशन बाजी में ही जुटे रहते हैं और सरकार की साख पर बट्टा लगाते है। ऐसे में पुरवा से बिहार मार्ग को जोड़ने वाली सड़क पिछले कई सालों से बदहाल पड़ी हुई थी। जिससे आने जाने वाले लोगों को परेशान होना पड़ता था। फिलहाल जिम्मेदारों के कानों पर जूं रेंगी और इस बदहाल सड़क का निर्माण कार्य प्रारंभ हुआ। जब सड़क का निर्माण प्रारंभ हुआ था तो लोगों में अपार खुशी थी कि बरसों बाद सड़क चलने लायक बन जाएगी। वहींभदिहा मोड़ से चंदीगढ़ी तिराहे तक लगभग 10 किलोमीटर की सड़क का निर्माण प्रारंभ तो हुआ हुआ लेकिन संतोषजनक नहीं कहा जा सकता। क्योंकि सड़क निर्माण की गुणवत्ता और कार्यशैली कमजोर है, लेकिन कम से कम जब भयानक गड्ढों की बजाए चलने को ही सड़क मिल रही है यही बहुत है। लेकिन इस सड़क पर समस्या तब बन गई जब सड़क पर केवल कंकड़ बिछाकर ठेकेदार गायब हो गए। इस समस्या को लेकर राहगीर परेशान हैं क्योंकि अक्सर बाइक फिसल जाती है और चोट लग जाती हैं। राहगीरों की मानें तो करीब 6 महीने से सड़क पर फैली गिट्टी मुसीबत बनी हुई है और ठेकेदार कुंभकरण की नींद सोए हुए हैं। शायद वह भूल गए हैं कि जिस सड़क का निर्माण शुरू कराकर गिट्टी फैला रखी है उस पर लोगों का आवागमन भी होता है। वही क्षेत्र के लोगों ने जिलाधिकारी से जांच कराकर सीघ्र सड़क निर्माण को पूरा कराने की मांग की है।