पीलीभीत, । पीलीभीत जिले के गांव में साढ़े तीन साल पहले हुए सामूहिक हत्याकांड को आज भी लोग नहीं भूल पाए हैं। एक दोस्त ने सात लाख रुपये के लालच में अपने ही दोस्त के पूरा परिवार को जहरीला दूध पिलाकर मार डाला था। हालांकि, हत्यारा भी ज्यादा दिन पुलिस से बच नहीं सका था। पुलिस ने चार दिन के अंदर ही उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था लेकिन, उस दिन दोस्ती के नाम पर जो कलंक लगा, वो आज तक नहीं धुल पाया है।बेनीपुर गांव में आठ जनवरी 2019 को सुबह करीब आठ बजे गांव के लोगों को रेलवे के रिटायर कर्मचारी बेगराज (65 वर्ष), उनकी पत्नी रामवती (60 वर्ष), रेलवे में गेटमैन के पद पर कार्यरत बेटा नेमचंद (35), पुत्रवधू ममता (32 वर्ष) तथा विवाहित पुत्री गायत्री (28 वर्ष) के शव पड़े मिले। एक ही घर के पांच लोगों की मौत से सनसनी फैल गई। थी इसके बाद पीलीभीत पुलिस से लेकर बरेली एडीजी तक हलचल मच गई। आनन-फानन में पुलिस ने घटना के राजफाश करने के लिए टीमें गठित कीं और जो कहानी सामने आई वह दिल दहला देने वाली थी। पुलिस की जांच में जो तथ्य सामने आए उसके अनुसार, रेलकर्मी गुलशेर खां बरेली के भोजीपुरा का रहने वाला था और नेमचंद्र का सहयोगी था। पूछताछ में उसने बताया कि नेमचंद परिवार की हर बात उससे साझा करता था। उसी ने बताया था कि प्लाट खरीदने के लिए उसके पास सात लाख रुपये रखे हैं। आठ जनवरी को वह प्लाट का बैनामा कराना चाहता है लेकिन, परिवार के कुछ लोग परेशानी खड़ी करते रहते हैं। इन्हीं सात लाख रुपये के लालच में आकर उसने सामूहिक हत्याकांड को अंजाम दिया था।नेमचंद के परेशानी बताने पर गुलशेर खां ने झांसा दिया था कि वह ऐसी तंत्र विद्या जानता है, जिसे करके परेशानियों से छुटकारा दिला देगा। सात जनवरी की रात तंत्र क्रिया की बात तय हुई। वह अपने एक दोस्त इकरार के साथ नेमचंद के गांव पहुंचा। घर के अंदर पूरे परिवार को तंत्र क्रिया में उलझाए रखा। इस बीच दूसरे आरोपित इकरार ने दूध में जहर मिला दिया। फिर सभी को एक-एक गिलास दूध दिया। धीरे-धीरे सभी पर जहर का सर तीव्र असर वाला कीटनाशक मिला दिया था। फिर सभी को एक-एक गिलास दूध दिया। दूध पीते ही सभी लोग अचेत हो गए और बाद में उनकी मौत हो गई।