पिटाई का वीडियो वायरल करने की धमकी देकर मांगे 10 लाख रुपये
राजधानी लखनऊ के चौक के ट्रॉमा सेंटर के बाहर से कारोबारी मोहन विश्वकर्मा को असलहा दिखाकर अगवा कर लिया गया। उसे दो जगहों पर बंधक बनाकर रखा गया। कारोबारी का आरोप है कि इस दौरान उसे न केवल पीटा गया बल्कि करंट भी लगाया गया।
प्रताड़ना देते हुए वीडियो भी बनाया गया। इस सारे मामले में एक सिपाही के शामिल होने की बात भी सामने आ रही है। कारोबारी ने चिनहट और विभूतिखंड पुलिस पर टरकाने का भी आरोप लगाया है। बहरहाल, उच्चाधिकारियों के आदेश पर चौक थाने में मुकदमा दर्ज हुआ। पुलिस का दावा है कि शुरुआती पड़ताल में पीड़ित व आरोपियों के बीच रुपये के लेनदेन का मामला सामने आया है।
सीतापुर के रहने वाले मोहन विश्वकर्मा देवा रोड इलाके में रहकर पुरानी कारों की खरीद-फरोख्त का काम करते हैं। मोहन के मुताबिक शनिवार को सड़क हादसे में घायल उनकी भतीजी की इलाज के दौरान ट्रॉमा सेंटर में मौत हो गई थी। वह अपने परिजनों के साथ ट्रॉमा सेंटर में मौजूद थे। इसी बीच उनके पूर्व पार्टनर संजय सिंह, विनय सिंह व आलोक तिवारी वहां पहुंचे। इन सबने बहाने से बाहर बुलाया और कार में असलहा दिखाकर जबरदस्ती बैठा लिया। कार में बैठते ही पिस्तौल सटाकर धमकी दी जाने लगी।
कारोबारी का आरोप है कि उन्हें पहले विभूतिखंड इलाके के एक गैराज में ले जाकर बंधक बनाया गया। वहां उन्हें नंगा कर पीटा गया। वीडियो भी बनाई गई। इसके बाद उसे मल्हौर में स्थित एमिटी न्यू कैंपस के पास एक घर में रात भर बंधक बनाकर रखा गया, जहां उसकी पिटाई की जाती रही। यहां नंगा कर करंट के झटके दिए गए। वहां पर उसका मोबाइल भी अपने कब्जे में ले लिया। मोबाइल से कई जरूरी दस्तावेज डिलीट कर दिए। मारपीट के दौरान बनाया वीडियो वायरल करने की धमकी देते हुए 10 लाख रुपये मांगे। कहा कि अगर रुपये नहीं मिले तो जान से मार देंगे।
*पूर्वी जोन की पुलिस टरकाती रही, पश्चिम में दर्ज हुआ केस*
कारोबारी के मुताबिक रविवार को अगवा करने वालों के चंगुल से आजाद होने के बाद वह घर गया। फिर वहां से चिनहट थाने गया और वारदात की जानकारी दी। चिनहट पुलिस ने विभूतिखंड या चौक में तहरीर देने की बात कहकर टाल दिया। विभूतिखंड पहुंचा तो वहां तैनात पुलिसकर्मियों ने कहा कि चौक में वारदात हुई है, वहीं पर केस दर्ज होगा। देर शाम को मोहन विश्वकर्मा चौक थाने पहुंचे। वहां वारदात की पूरी जानकारी दी। प्रभारी निरीक्षक चौक प्रशांत मिश्रा ने उच्चाधिकारियों के निर्देश पर संजय सिंह, आलोक तिवारी, विनय सिंह व उसके अन्य साझीदारों सहित कई अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।
*सिपाही की भूमिका की हो रही जांच*
पीड़ित ने बताया कि उसे अगवा करने व बंधक बनाकर प्रताड़ित करने के दौरान एक सिपाही भी आरोपियों के साथ शामिल था। इस मामले में सिपाही की भूमिका सामने आने पर पुलिस के हाथ-पैर फूलने लगे। एडीसीपी पश्चिम चिरंजीव नाथ सिन्हा के मुताबिक पीड़ित की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। वहीं सिपाही की भूमिका की जांच की जा रही है। दोषी होने पर कार्रवाई की जाएगी।
*संवाददाता आनन्द पांडेय*
