शासन से बड़े होने की जिद क्यों कर रहे अधिशासी अभियंता
प्रांतीय खंड(लोनिवि)में समूह(ग)कर्मचारियों के फेरबदल पर जारी शासनादेश बना खानापूर्ति
अजय सिंह
सीतापुर। सरकार के फैसले और फैसलों पर जारी शासनादेश अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए अहम माने जाते हैं क्योंकि शासनादेशों के जरिए ही शासन प्रशासन को कंट्रोल करता है और पूरी व्यवस्था का संचालन करता है जो साबित करता है कि शासन सर्वोपरि है और प्रशासन और उसने विभिन्न विभागों का दायित्व निभा रहे अधिकारी शासन आधीन हैं। परंतु प्रांतीय खंड लोक निर्माण विभाग सीतापुर में इसके उलट नजर आ रहा है यहां पर शासनादेश के उलट कार्य हो रहा है वह भी अधिकारियों की नाक के नीचे पर शीर्ष अधिकारी उस पर ध्यान नहीं दे रहे या कह दीजिए कि जानबूझकर शासनादेश की अनदेखी हो रही है। यह कोई और नहीं कर रहा बल्कि प्रांतीय खंड लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता मलखान सिंह कर रहे हैं ऐसी चर्चाएं हो रही तो क्या शासन से ऊपर हो गए अधिशासी अभियंता प्रांतीय खंड मलखान सिंह,यह सवाल बन चुका है? अगर ऐसा नहीं है तो समूह (ग) के अंतर्गत आने वाले कर्मचारियों के संबंध में जारी 13 मई 2022 शासनादेश संख्या-8/2022/सा0-119/सैतालिस-4-2022(1/3/96) जारी शासनादेश आखिरकार अधिशासी अभियंता प्रांतीय खंड मलखान सिंह क्यों अमल नहीं कर रहे हैं। बताते चलें कि प्रांतीय खंड लोक निर्माण विभाग में कर्मचारी कई इस तरीके के जिनकी शासनादेश के अनुसार अपने निर्धारित क्षेत्र(फील्ड)और पटल पर समयावधि पूरी हो चुकी। जिनमें कुछ के नाम कुछ इस प्रकार हैं,अवर अभियंता डीएन सिंह,धनीराम भार्गव,राजेश पाल,श्रवन कुमार,राम कृष्ण श्रीवास्तव जिनको प्रशासनिक अधिकारी का दर्जा प्राप्त है बड़े बाबू ,अमित श्रीवास्तव-महेश प्रसाद यादव वरिष्ठ सहायक निर्धारित समयावधि पूरी कर चुके परंतु अभी तक उनको फेरबदल नहीं किया गया है? क्या फेरबदल के पीछे भी कुछ सच्चाई छिपी है? फिलहाल इस मामले को शासन को संज्ञान लेना चाहिए अब देखना होगा इस मामले में शासन शासन संज्ञान लेगा और कब तक जान लेगा। लेकिन अगर शासन ने संज्ञान लिया तो यह कहा जा रहा है की प्रांतीय खंड अधिशासी अभियंता मलखान सिंह पर भी कार्यवाही हो सकती है।…आगे