वाशिंगटन: पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी (बिलावल भुट्टो जरदारी) यूक्रेन युद्ध के दौरान पूर्व प्रधान मंत्री इमरान खान की रूस यात्रा का बचाव किया। उन्होंने कहा, ‘इस चीज के लिए पाकिस्तान को दंडित करना बहुत अनुचित है।’ बता दें कि इमरान खान ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मॉस्को में मुलाकात की थी, जब वह रूस-यूक्रेन युद्ध की शुरुआत में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री थे। इमरान के इस तरह रूस जाने का पश्चिमी देशों ने कड़ा विरोध जताया था। इस पर बिलावल ने उनका बचाव किया।
न्यूयॉर्क में बिलावल भुट्टो ने कहा, ‘मैं पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री का बचाव करूंगा. इमरान खान प्रधानमंत्री रहते हुए अपनी विदेश नीति के तहत रूस गए थे। जहां तक बल का प्रयोग न करने और संयुक्त राष्ट्र के सिद्धांतों का संबंध है, पाकिस्तान बहुत स्पष्ट है। हम अपने सिद्धांतों पर कायम हैं। बिलावल भुट्टो ने आगे कहा कि पाकिस्तान संघर्ष का हिस्सा नहीं है। हम किसी विवाद का हिस्सा नहीं बनना चाहते हैं।
पाकिस्तान के साथ कोई नहीं
बिलव भुट्टो ने कहा कि पाकिस्तान हर बार जोर देता है कि रूस यूक्रेन युद्ध इसे शांति, बातचीत और कूटनीति के जरिए सुलझाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम किसी पक्ष से युद्ध में नहीं हैं। पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान ने दावा किया था कि अमेरिका स्वतंत्र विदेश नीति का पालन करने के लिए दंडित कर रहा है। उन्होंने कहा था कि अमेरिका चाहता है कि पाकिस्तान रूस के खिलाफ आए।
बिलावल भुट्टो ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भी कश्मीर की धुन गाई। भुट्टो ने कहा कि कश्मीर संयुक्त राष्ट्र की शिथिलता का प्रतीक बन गया है। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र भारत सरकार को अनुच्छेद 370 को हटाने से नहीं रोक पाया है। इसके साथ ही भुट्टो ने आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी सरकार कश्मीर में बहुसंख्यक मुसलमानों को अल्पसंख्यक बनाना चाहती है।
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