लूट के मामले में मडियांव पुलिस ने की तीन की गिरफ्तारी
लखनऊ । संवाददाता, लखनऊ कमिश्नरेट के उत्तरी जोन अंतर्गत मडियांव थाने के दो लुटेरे सिपाहियों को आज उसी थाने की हवालात में जाना पड़ा जहां ये लुटेरे सिपाही अक्सर लुटेरे बदमाशों को लाकर बंद किया करते थे । अपने आप को एसटीएफ का बताकर अपने एक साथी कथित पत्रकार के साथ मिलकर थाना परिसर के आसपास लूट की वारदात को अंजाम देने वाले मणियाव थाने के सिपाही अनिल सिंह और सुधीर सिंह के साथ पत्रकारिता को शर्मसार करने वाला कथित पत्रकार शिवांशु मिश्रा भी गिरफ्तार कर लिया गया । मड़ियाव पुलिस के द्वारा गिरफ्तार किए गए अनिल सिंह , सुधीर सिंह और शिवांश मिश्रा के पास से पुलिस ने अतुल सिंह से की गई लूट में से साढ़े दस हजार रुपए की नकदी भी बरामद की है । आपको बता दें कि अपने आप को एसटीएफ का बताकर अनिल सिंह और सुधीर सिंह ने अपने दो अन्य साथियों आकाश सिंह और कथित पत्रकार शिवांशु मिश्रा के साथ मिलकर रायपुर आईआईएम रोड मडियांव के रहने वाले अतुल सिंह से उसी की कार के अंदर उसकी कनपटी पर पिस्टल लगाकर 24 हजार रुपए की नकदी लूटी थी। पुलिस की वर्दी को दागदार करने वाले मादियाव थाने के इन दोनों सिपाहियों ने अपने साथियों के साथ मिलकर अतुल सिंह से 5 लाख रुपए की मांग भी की थी । पीड़ित अतुल सिंह की तहरीर पर कल ही मडियांव थाने में शिवांशु मिश्रा, अनिल सिंह , सुधीर सिंह और आकाश सिंह के खिलाफ लूट जैसी संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया और मुकदमा दर्ज करने के महज 24 घंटों के अंदर ही लूट के मुकदमे के आरोपी अनिल सिंह, सुधीर सिंह और कथित पत्रकार शिवांश मिश्रा गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे पहुंचा दिया गया। बताया जा रहा है कि लूट के मामले में गिरफ्तार किए गए अनिल सिंह का पुराना दागदार इतिहास है अनिल सिंह इससे पूर्व वजीरगंज थाने में तैनात था जहां इसकी दबंगई के किस्से आम थे । अतुल सिंह से लूट के मामले में गिरफ्तार किए गए अनिल सिंह और सुधीर सिंह के रिश्ते अपराधिक प्रवृत्ति के तमाम लोगों बताए जा रहे हैं जिनकी पुलिस जांच कर रही है । बताया जा रहा है कि लूट का मुकदमा दर्ज कराने वाले अतुल सिंह और शिवांश मिश्रा के बीच पैसे को लेकर कुछ विवाद था जिसके बाद शिवांशु मिश्रा ने अपनी जान पहचान के सिपाही अनिल सिंह , सुधीर सिंह और आकाश सिंह के साथ मिलकर अतुल सिंह से लूट जैसी वारदात को अंजाम दिया था । जानकारों का कहना है कि लूट के मामले में गिरफ्तार किए गए अनिल सिंह और सुधीर सिंह की कॉल डिटेल की अगर गंभीरता से जांच की जाएगी तो इन दोनों सिपाहियों के अपराधिक प्रवृत्ति के लोगों से गठजोड़ का भी खुलासा हो सकता है। वर्दी को दागदार करने वाले सिपाहियों का नाम जब लूट जैसी वारदात में सामने आया तो लखनऊ के पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर ने तत्काल मुकदमा दर्ज करा कर निष्पक्ष कार्रवाई का जो उदाहरण पेश किया है उससे पुलिस की छवि समाज के सामने और बेहतर हुई है क्योंकि अगर पुलिस की वर्दी को दागदार करने वाले पुलिस महकमे में चंद सिपाही मौजूद है तो पुलिस की वर्दी का मान बढ़ाने वाले और कानून को सर्वोपरि मानने वाले अधिकारियों की भी इस महकमे में कोई कमी नहीं है । मड़ियांव पुलिस ने अतुल सिंह के साथ हुई लूट के मुकदमे में नामजद किए गए 3 लोगों को तो गिरफ्तार कर लिया है जबकि आकाश सिंह नाम का एक आरोपी अभी फरार है पुलिस जिसकी तलाश कर रही है।
