एसडीएम लहरपुर की कार्यवाही बिना एनओसी भट्ठो पर दिखावा!
अजय सिंह
सीतापुर। एसडीएम लहरपुर द्वारा बिना एनओसी ईंट भट्ठो पर की गई बुलडोजर कार्यवाही दिखावा बनकर रह गयी।इस बात को जनमानस ने चर्चाओं का केंद्र बिंदु बना लिया है जानकारों की माने तो यह कहना है की जिस तरह से बाबा बुलडोजर के नाम से सहम जाते हैं वह लोग जो अनैतिक कार्यों में लिप्त हैं तो यहां पर तो हमारे एसडीएम साहब पीएल मौर्या के द्वारा बिना एन ओसी ईंट भट्ठो पर कार्यवाही करायी गयी,और हैरत की बात यह है की बड़े से बड़ा माफिया जो डॉन की श्रेणी में आते थे बाबा के बुलडोजर से कार्यवाही के बाद जेल यात्रा पर हैं।तो यहां शासन के नियमों पर जो प्रशासन द्वारा बुलडोजर कार्यवाही की गयी वह सभी ईंट भट्ठे बराबर संचालित हैं।क्या इनमें कार्यवाही का कोई खौफ नहीं या एसडीएम पीएल मौर्या द्वारा की गयी कच्ची ईंटों को तोड़कर कार्यवाही महज दिखावा है?जिससे बातें होने लगी हैं की बुलडोजर तहसील प्रशासन की कार्यवाही का नहीं कमाई का जरिया बन चुका है?कार्यवाही मात्र खानापूर्ति का खेल बन गयी है।जो अब तक हो रहा है की बिना एनओसी ईंट वह तो संचालित हैं जिनपर कार्यवाही नहीं हुई साथ ही वह भी संचालित हो रहे हैं, जिनपर कार्यवाही हो चुकी है, अगर संचालित ही रहना था तो कार्यवाही का ड्रामा तहसील प्रशासन द्वारा क्यों किया गया, तो जो बातें हो रही हैं उसमें सुना गया की यह गांधी छाप में देरी के चलते ऐसा किया जाता है, कार्यवाही का इधर ड्रामा और उधर गांधी छाप का सूटकेस?हालांकि यह सभी अपवाद हैं या सत्यता क्या है,हैरत में तो सभी हैं, यहां से यह जिज्ञासा उत्पन्न होती है।एसडीएम लहरपुर पीएल मौर्या अगर अपने उत्तर दायित्व का पूरी ईमानदारी से पालन कर रहे हैं, तो सवाल उठता है की कार्यवाही के बाद भी बिना एनओसी भट्ठे कैसे संचालित हैं।अब यह तो तहसील प्रशासन की सकारात्मक कार्यवाही पर निर्भर करता है,की ऐसे ईंट भट्ठो पर प्रशासन द्वारा जो बंदी का आदेश है सील करें और ईमानदारी का सबूत पेश करें।यह होगा या नहीं इसका तो पता नहीं इतना अवश्य पता है की बिना एनओसी ईंट भट्ठों की चिमनियों से धड़ाधड़ धुवां निकलता देखा जा सकता है।…आगे