मऊ, । हैबियस कारपस याचिका में उच्च न्यायालय द्वारा छह सप्ताह के अंदर गैंगस्टर मामले का निस्तारण करने के निर्देश पर सदर विधायक मुख्तार अंसारी की तरफ से उनके अधिवक्ता ने एमपी-एमएलए कोर्ट दिनेश चौरसिया की विशेष अदालत में आवेदन आदेश के साथ प्रस्तुत किया था। इस पर न्यायालय ने नियत तिथि पर प्रस्तुत करने का आदेश दिया था लेकिन गैंगस्टर कोर्ट के विशेष शासकीय अधिवक्ता कृष्णशरण सिंह ने प्रस्तुत प्रार्थना पत्र पर आपत्ति के लिए समय की मांग की। मंगलवार को दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने जमानत पर सुनवाई के लिए 16 फरवरी की तिथि नियत कर दी।सदर विधायक मुख्तार अंसारी के वकील दारोगा सिंह ने बताया मुख्तार अंसारी की तरफ से एक बंदी प्रत्यक्षीकरण रिट याचिका उच्च न्यायालय में दी गई थी। इसमें कहा गया है कि आरोपित विधायक नौ सितंबर 2011 से दक्षिण टोला थाने के गैंगस्टर मामले में जेल में निरूद्ध हैं। जबकि इस मामले में 10 साल की अधिकतम सजा होती है। उससे ज्यादा समय से आरोपित जेल में है। इसको उनके संवैधानिक अधिकारों का हनन बताया गया है। इस पर उच्च न्यायालय की डबल बेंच ने अधीनस्थ अदालत में इन बातों का हवाला देकर आवेदन करने का सुझाव दिया और अदालत को निर्देश दिया कि आवेदन पर सुनवाई कर यदि बंदी के विशेषाधिकार का हनन हो रहा है तो उस पर उचित कार्रवाई करें और छह सप्ताह के अंदर मुकदमे का निस्तारण करें।इससे पूर्व भी मुख्तार के मामले की सुनवाई को लेकर कई बार नई तारीख मिल चुकी है। वहीं मंगलवार को सुनवाई के दौरान मुख्तार अंसारी के समर्थक भी परिसर में मौजूद रहे और मामले की सुनवाई पर सभी की नजर बनी रही। अब इस मामले में 16 फरवरी की तिथि तय होने के बाद अब सप्ताह भर के बाद सुनवाई को लेकर परिसर में काफी गहमागहमी होना तय है।