संवाददाता अवनीश पाण्डेय
*मोहनलालगंज* इंसानियत के नाते ऐसे लोगों की हमेशा मदद करनी चाहिए आपकी छोटी सी कोशिश किसी की जिंदगी में दीपक जला सकती है पर इस स्वार्थी दुनिया में इंसानियत पूर्णता मर चुकी है मोहनलालगंज कस्बे में मानसिक रूप से बीमार व्यक्ति अक्सर देखने को मिलते है और लोगों के टुकड़े पर अपना जीवन यापन करने लगते हैं गर्मी के मौसम में किसी तरह वह अपना जीवन बचा लेते हैं पर कड़ाके की ठंड उनके लिए जानलेवा बन जाती है कड़कड़ाती ठंड और गिरते हुए पारे ने जहां आम जनजीवन को घरों में कैद होने पर मजबूर कर दिया है वहीं सड़कों पर घूम रहे आश्रयहीनो के लिए हर रात एक जंग जीतने के बराबर साबित हो रही है। इसका ताजा उदाहरण परिवहन निगम के मोहनलालगंज बस अड्डे पर देखने को मिलता है जहां मंगलवार की सुबह हाड़ कपा देने वाली ठंड में एक मानसिक बीमार व्यक्ति आग ताप रहा था देखते ही देखते वह आग की लपटों में जलने लगा। अपने आपको जलता देखकर वह चीखने लगा। चीख-पुकार सुनकर वहां उपस्थित कुछ लोगों ने पानी डालकर आग बुझाई। लेकिन तब तक आग ने उसके दोनों पैरों को बुरी तरह झुलसा दिया था। पीड़ित अर्धनग्न अवस्था में दर्द व ठंड से कराह रहा था ऐसे में फरिश्ता बन पहुंचे मुख्य आरक्षी प्रमोद ने अन्य लोगों की मदद से पीड़ित को कपड़े व कंबल में लपेटकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मोहनलालगंज पहुंचाया। वहीं नजदीक में बने रैन बसेरे में किसी जिम्मेदार व्यक्ति ने उसे पहुंचाने की जरूरत तक नहीं समझी।