लखनऊ, । आम आदमी पार्टी आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर तैयार है। इस बार लड़ाई का स्वरूप बदल गया है। पार्टी इस बदले हुए स्वरूप में यूपी का विधानसभा चुनाव लड़ने को तैयार है। यह स्वरूप डिजिटल का है। पार्टी के कार्यकर्ता से लेकर प्रत्याशी को इसको लेकर चरणबद्ध तरीके से प्रशिक्षण दिया जा रहा है।आम आदमी पार्टी के जिलाध्यक्ष वैभव महेश्वरी ने बताया कि डिजिटल को लेकर दिया जा रहा प्रशिक्षण थोड़ा तेज हो गया है, इसका फायदा भी मिल रहा है। लखनऊ की नौ विधानसभा सीटों को लेकर आम आदमी पार्टी का सबसे बड़ा हथियार डिजिटल प्लेटफार्म होने का दावा जिलाध्यक्ष कर रहे हैं। फेस बुक, वाट्सपग्रुप , ट्विटर व डोर टू डोर जनसंपर्क के जरिए चुनाव प्रचार करने की बात करने वाले जिलाध्यक्ष के मुताबिक पोलिंग पर खड़े होने वाले पोलिंग एजेंट वैक्सीनेशन से लैस होंगे। उनके मुताबिक वर्ष 2022 का विधानसभा चुनाव आम आदमी पार्टी के लिए बेहतर नतीजों वाला होगा। लखनऊ की नौ विधानसभा सीटों में सात पर प्रत्याशी घोषित किए जा चुके हैं। कैंट और मलिहाबाद के लिए प्रत्याशियों का चयन होना बाकी है। महीनों पहले वोटरों का तैयार किया गया डाटा बेस डिजिटल प्लेटफार्म पर अब काम आ रहा है।हर पोलिंग के कार्यकर्ताओं से संपर्क करने के लिए पूरी रणनीति लखनऊ प्रभारी व दिल्ली से आए विधायक रोहित मेहरोलिया ने संभाल रखी है। प्रत्याशी को पार्टी की नीतियों को आम वोटरों तक कैसे पहुंचाना और कम शब्दों में पूरी बात कैसे रखनी है, इस पर फोकस पार्टी कर रही है। 18 साल से ऊपर की महिला को एक हजार भत्ता, बेरोजगार युवक को पांच हजार और बकाएदार उपभोक्ताओं के बिल व निर्धारित यूनिट तक बिजली माफ की जाएगी। आम आदमी पार्टी के जिलाध्यक्ष वैभव महेश्वरी कहते हैं कि केंद्रीय पर्यवेक्षक रोहित मेहरोलिया एक एक बूथ की समीक्षा कर रहे हैं, पार्टी की मेहनत आगामी विधानसभा चुनाव में जीत के रूप में नजर आएगी।
