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आर्मेनिया अज़रबैजान समाचार: 15 अर्मेनियाई सैनिक मारे गए, 12 अज़रबैजान के साथ सैन्य झड़प में पकड़े गए, रूस ने मदद मांगी

हाइलाइट

  • आर्मेनिया-अजरबैजान में फिर भीषण सैन्य संघर्ष
  • 15 अर्मेनियाई सैनिक मारे गए, 12 अज़रबैजान द्वारा बंदी बनाए गए
  • आर्मेनिया ने रूस से की मदद की अपील, पुराने समझौते की याद दिलाई

येरवेन/बाकू
आर्मेनिया और अजरबैजान में एक बार फिर भीषण सैन्य संघर्ष छिड़ गया है। अर्मेनिया ने दावा किया है कि इन संघर्षों में उसके 15 सैनिक मारे गए हैं, जबकि 12 सैनिकों को अजरबैजान ने पकड़ लिया है। आर्मेनिया ने अपने सैनिकों को मुक्त कराने और कब्जे वाली जमीन को वापस पाने के लिए रूस से मदद मांगी है। बताया जा रहा है कि अजरबैजान की सेना ने आर्मेनिया के दो इलाकों पर कब्जा कर लिया है।

पिछले साल युद्ध 44 दिनों तक चला था
पिछले साल नागोर्नो-कराबाख को लेकर दोनों देशों के बीच 44 दिनों तक युद्ध हुआ था। इस युद्ध में कम से कम 6500 लोग मारे गए थे, जबकि 10000 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। युद्ध अजरबैजान की निर्णायक जीत के साथ समाप्त हुआ। इस युद्ध में इस्राइल और तुर्की ने खुलेआम अजरबैजान की मदद की, जबकि रूस ने आर्मेनिया की उतनी मदद नहीं की।

15 अर्मेनियाई सैनिक मारे गए, 12 पकड़े गए
उस समय, रूस की मध्यस्थता और नागोर्नो-कराबाख में लगभग 2,000 शांति सैनिकों की तैनाती के साथ संघर्ष समाप्त हो गया। अर्मेनियाई और रूसी समाचार एजेंसियों ने अर्मेनिया के रक्षा मंत्रालय के हवाले से कहा कि उनके देश के सैनिकों पर अज़रबैजान की सेना ने तोपखाने, छोटे हथियारों और बख्तरबंद वाहनों से हमला किया था। इसमें उसके 15 सैनिक मारे गए, 12 को पकड़ लिया गया और अजरबैजान के साथ सीमा पर दो युद्धक ठिकाने छीन लिए गए।

आर्मेनिया ने रूस से मांगी मदद
इंटरफैक्स समाचार एजेंसी ने आर्मेनिया के सुरक्षा परिषद के सचिव आर्मेन ग्रिगोरियन के हवाले से कहा कि चूंकि अजरबैजान ने आर्मेनिया के संप्रभु क्षेत्र पर आक्रमण किया है। इसलिए, हम रूस से हमारे देशों के बीच मौजूदा 1987 (आपसी रक्षा) समझौते के आधार पर आर्मेनिया की क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करने के लिए कह रहे हैं। रूस का आर्मेनिया में एक सैन्य अड्डा है और साथ ही नागोर्नो-कराबाख में एक शांति सेना भी है। अर्मेनियाई अपील पर रूस की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई।

अजरबैजान ने कहा- अर्मेनियाई सैनिक भड़का रहे थे
अजरबैजान के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि उसने अर्मेनियाई पक्ष से बड़े पैमाने पर उकसावे का जवाब देने के लिए एक सैन्य अभियान शुरू किया था। अपने बयान में, अजरबैजान ने आर्मेनिया के सैन्य और राजनीतिक नेतृत्व को दोषी ठहराया। अजरबैजान ने कहा कि जवाबी कार्रवाई में कार्रवाई की गई जिसके लिए अर्मेनियाई बलों ने तोपखाने और मोर्टार फायर के साथ अजेरी सेना की चौकियों पर गोलियां चलाईं।

आर्मेनिया अज़रबैजान युद्ध

आर्मेनिया-अजरबैजान में सैन्य संघर्ष

Source-Agency News

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