लखीमपुर, । खीरी हिंसा में आरोपित सुमित जायसवाल, नंदन सिंह, सत्यम त्रिपाठी और शिशुपाल की जमानत अर्जी सोमवार को सीजेएम ने खारिज कर दी। लखनऊ निवासी अंकित दास के मित्र नंदन सिंह, गनर कौशांबी निवासी सत्यम त्रिपाठी व स्कार्पियो चालक तिकुनिया के बनबीरपुर निवासी शिशुपाल तीन अक्टूबर, 2021 को केंद्रीय राज्य मंत्री के पैतृक गांव बनबीरपुर में दंगल देखने गए थे। वहीं बनवीरपुर मार्ग पर हिंसा में तीन किसानों व एक पत्रकार समेत आठ लोगों की मौत हो गई।घटना में जिला बहराइच के नानपारा निवासी जगजीत सिंह की तहरीर पर थाना तिकुनिया में केंद्रीय राज्य मंत्री के पुत्र आशीष मिश्र समेत 20 अज्ञात लोगों के खिलाफ बलवा, दुर्घटना व हत्या के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया था। 18 अक्टूबर को सभासद सुमित जायसवाल, नंदन सिंह, सत्यम त्रिपाठी व शिशुपाल को एसआइटी ने गिरफ्तार कर लिया था। 19 अक्टूबर को सीजेएम की कोर्ट में पेश किया। सीजेएम ने चारों आरोपितों को जेल भेज दिया था और सत्यम के कब्जे से लाइसेंसी रिवाल्वर भी बरामद हुई थी। चारों आरोपितों के अधिवक्ता ने सोमवार को सीजेएम कोर्ट में जमानत की अर्जी दाखिल की। सीजेएम चिंताराम ने जमानत अर्जी पर सुनवाई के बाद चारों आरोपितों की जमानत अर्जी खारिज कर दी ।मामले में सोमवार को चार और गवाहों के बयान न्यायिक मजिस्ट्रेट ने दर्ज किए। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद विवेचक ने खीरी ङ्क्षहसा के दोनों मामलों में गवाहों के मजिस्ट्रेट के समक्ष 164 सीआरपीसी के तहत बयान दर्ज कराने की कवायद शुरू कर दी थी। पहले दिन घटना के मामले में पांच गवाहों के बयान दर्ज हुए थे। 21 अक्टूबर को चार, 22 को 12 और 25 अक्टूबर को सात गवाहों के बयान दर्ज किए गए थे। 26 अक्टूबर को तीन गवाहों के बयान मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज किए गए थे। 27 अक्टूबर को 12, 28 को आठ, 29 को 19, 30 अक्टूबर को पांच और एक नवंबर को चार और गवाहों के बयान दर्ज किए गए। अब तक 79 गवाहों के बयान मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज कराए जा चुके हैं।