हाइलाइट
- यूक्रेन की सीमा की ओर बढ़ रहा रूसी सेना का काफिला
- काफिला टैंक, मिसाइल सिस्टम और बख्तरबंद वाहनों से लैस है।
- रूस समर्थित विद्रोहियों पर यूक्रेन के हमले को लेकर तनाव बढ़ा
मास्को
रूस और यूक्रेन एक बार फिर युद्ध के मुहाने पर खड़े नजर आ रहे हैं। हाल ही में यूक्रेन ने पूर्वी हिस्से में सक्रिय रूसी अलगाववादियों पर ड्रोन हमले किए। इन हमलों में कई रूसी समर्थित विद्रोही मारे गए थे। जिसके बाद रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के आदेश पर रूसी सेना ने क्रीमिया और यूक्रेन से लगी अन्य सीमाओं पर सैन्य तैनाती बढ़ा दी है। सोशल मीडिया पर कई वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिसमें रूसी सेना सैन्य उपकरणों के साथ चलती नजर आ रही है।
यूक्रेन की ओर बढ़ रहे रूसी टैंक
27 अक्टूबर को ट्विटर पर अपलोड किए गए एक वीडियो में रूसी सेना के T-80U टैंक, ईंधन भरने वाले टैंक, सैन्य एम्बुलेंस और BTR बख्तरबंद निजी वाहक दिखाई दे रहे हैं। ये वाहन कुर्स्क शहर के बाहर से यूक्रेन की सीमा की ओर बढ़ते हुए दिखाई दे रहे हैं। उसी दिन शूट किए गए एक अलग वीडियो में इस्कंदर टैक्टिकल मिसाइल सिस्टम को दिखाया गया है। इसे ब्रांस्क शहर के करीब से सड़क मार्ग से यूक्रेन की सीमा की ओर जाते देखा गया।
मिसाइल सिस्टम और बख्तरबंद वाहन भी देखे गए
ये दोनों रूसी शहर यूक्रेन के साथ सीमा के सिर्फ 200 किमी के भीतर स्थित हैं। एक अन्य क्लिप में रूसी सैनिकों और हथियारों से भरी एक ट्रेन वोरोनिश में मास्लोवका रेलवे स्टेशन के पास आती हुई दिखाई दे रही है। ट्रेन में लोड किए गए हथियारों में 2S19 “Msta-S” हॉवित्जर, BMP एम्फीबियस फाइटिंग व्हीकल और MT-LB मल्टी-पर्पस आर्मर्ड कैरियर शामिल थे।
विशेषज्ञ ने कहा- यह युद्ध की घोषणा है
सेंटर फॉर नेवल एनालिसिस (सीएनए) में रूस स्टडीज के निदेशक माइकल कॉफमैन ने एक ट्वीट में लिखा कि मुझे लगता है कि यह एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम है। इस तनाव की वजह से सीमा पर कुछ भी हो सकता है। यह 2015 की सर्दी की तरह है। दिन नहीं तो महीनों में कुछ हो सकता है। कुल मिलाकर, मुझे नहीं लगता कि आप कोई अभ्यास या नियमित सैन्य प्रशिक्षण देख रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि मेरा विश्वास करो, इस क्षेत्र में सर्दियों में युद्ध होते हैं।
रूस-यूक्रेन में क्यों बढ़ा तनाव?
इस सप्ताह की शुरुआत में, यूक्रेनी सेना ने डोनबास में अलगाववादियों के खिलाफ तुर्की के TB2 मानवरहित लड़ाकू वायु वाहनों (UCAV) के साथ हमले शुरू किए। जनवरी 2015 में, यूक्रेन और रूस समर्थित अलगाववादियों के बीच भयंकर झड़पें हुईं। 12 फरवरी, 2015 को मिन्स्क II नामक एक नए युद्धविराम पर सहमति से पहले डोनेट्स्क अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे और देबाल्टसेव पर भीषण लड़ाई हुई।
यूक्रेन के दो सैनिकों की मौत के बाद बढ़ा गतिरोध
जिसके बाद रूस समर्थित मिलिशिया द्वारा दागी गई तोपखाने से यूक्रेन की सेना के दो जवान शहीद हो गए थे। यूक्रेन के रक्षा मंत्रालय ने दावा किया कि हमला रूस के डी-30 हॉवित्जर के साथ अलगाववादी मिलिशिया द्वारा किया गया था। डोनेट्स्क पीपुल्स रिपब्लिक में विद्रोहियों का यह भी दावा है कि उन्होंने डोनेट्स्क में एक तेल सुविधा पर ड्रोन से हमला किया है। रूस की स्टेट ड्यूमा कमेटी ऑन डिफेंस के प्रमुख ने चेतावनी दी कि यूक्रेन की कार्रवाई से क्षेत्र में हिंसा बढ़ने का खतरा है।
यूक्रेन की सीमा की ओर बढ़ रहे रूसी टैंक
Source-Agency News