लखनऊ । केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री रामदास आठवले 18 दिसंबर को लखनऊ में रैली कर ताकत दिखाएंगे। उन्होंने कहा कि इस रैली में रिपब्लिकन पार्टी आफ इंडिया (आरपीआइ) एक लाख से अधिक लोगों की भीड़ जुटाएगी। इसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व भाजपा के महामंत्री संगठन सुनील बंसल शामिल रहेंगे। वह रैली में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को भी बुलाने का प्रयास करेंगे। रैली सफल होने के बाद आठवले भाजपा से प्रदेश में आठ से 10 सीटों की मांग करेंगे।केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने बुधवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी को दलित लड़की से शादी करने की सलाह दे डाली। उन्होंने कहा कांग्रेस यदि सचमुच धर्मनिरपेक्ष है और जाति व्यवस्था खत्म करना चाहती है तो राहुल को दलित लड़की से शादी करनी चाहिए। शादी करने से उनका दिमाग भी स्थिर हो जाएगा। इसके बाद वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर ज्यादा हमलावर नहीं होंगे।लखनऊ में आयोजित पत्रकार वार्ता में केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने कहा कि प्रदेश के दलित मतदाताओं को उनकी पार्टी से आस है। ब्राह्मण समाज को भी जोड़ने की उनकी पार्टी प्रयास कर रही है। इसी के तहत आरपीआइ ब्राह्मण सम्मेलन भी कर रही है। कृषि कानूनों पर उन्होंने कहा कि किसानों ने नरेन्द्र मोदी को पीएम बनाया वह भला उनके खिलाफ कानून क्यों बनाएंगे। तीनों कृषि कानून किसानों के फायदे के लिए हैं। इन्हें वापस नहीं लिया जा सकता। वापस लेने पर अन्य कानूनों को भी वापस लेने की मांग होती रहेगी। सरकार कृषि कानून में सुधार के लिए पूरी तर तैयार है।केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने कहा कि मोदी सरकार ने सभी जाति व धर्म के लोगों की मदद की है। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना में यूपी के 2.71 करोड़ लोगों को कर्ज दिया गया। उज्ज्वला योजना में 1.47 करोड़ गैस कनेक्शन दिए गए हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण व शहरी दोनों में करीब 32 लाख आवास दिए गए हैं। सरकार ने आयुष्मान योजना का भी लाभ बगैर भेदभाव के सभी को दिया है। केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने एक बार फिर समीर वानखेड़े का समर्थन करते हुए कहा कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया। दलित समाज के सक्रिय अधिकारी वानखेड़े का समर्थन करने के बजाय महराष्ट्र सरकार के मंत्री नवाब मलिक उन्हें इसलिए निशाना बना रहे हैं क्योंकि उनके दामाद के खिलाफ भी ड्रग के केस में कार्रवाई हुई थी। एक प्रश्न पर उन्होंने कहा कि यदि आर्यन खान गलत पकड़े गए होते तो न्यायालय से अब तक जमानत मिल जाती। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि नशा करने वालों को जेल नहीं बल्कि नशा मुक्ति केंद्र भेजा जाना चाहिए। उनके मंत्रालय ने एनडीपीएस अधिनियम की समीक्षा की है। जिस तरह ‘शराब पीने वालों को जेल नहीं भेजा जाता, उसी तरह ड्रग्स का सेवन करने वालों को भी जेल न भेजने का प्रावधान होना चाहिए। मंत्रालय ड्रग्स कानून में बदलाव का समर्थन करता है।