काठमांडू
नेपाल में राष्ट्रीय जनसंख्या जनगणना कार्यक्रम बुधवार से शुरू हो गया। देश भर से जनसंख्या संबंधी आंकड़े एकत्र करने के लिए 8,500 पर्यवेक्षकों को तैनात किया गया है। 2011 की जनगणना के अनुसार नेपाल की आबादी 2.65 करोड़। नेपाल के केंद्रीय सांख्यिकी ब्यूरो (सीबीएस) ने 12वीं राष्ट्रीय जनसंख्या जनगणना कार्यक्रम के लिए देश भर से जनसंख्या डेटा एकत्र करने के लिए 8,500 पर्यवेक्षकों को तैनात किया है।
पर्यवेक्षक करेंगे 70 लाख घरों का दौरा
नेपाल में जनगणना के पहले चरण के तहत देश भर के परिवारों को 15 सितंबर से 4 अक्टूबर 2021 तक सूचीबद्ध किया जाएगा। इसके लिए पर्यवेक्षक देश के करीब 70 लाख घरों का दौरा करेंगे। सीबीएस के अनुसार 11 नवंबर से 1 दिसंबर तक होने वाली जनगणना के दूसरे चरण में घर-घर जाकर वास्तविक जनसंख्या डेटा एकत्र किया जाएगा।
चार अरब रुपये खर्च होंगे
एजेंसी इस बार जनगणना पर चार अरब रुपये खर्च कर रही है। सीबीएस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा था कि कोरोनावायरस महामारी राष्ट्रीय जनगणना को प्रभावित नहीं करेगी। सीबीएस के उप महानिदेशक हेम राज रेग्मी ने बताया था कि लॉकडाउन होने पर भी जनगणना प्रभावित नहीं होगी क्योंकि सर्वेक्षण का केवल एक सदस्य एक परिवार से मिलने जाएगा और उचित दूरी बनाए रखते हुए घर के बाहर से पूछताछ की जा सकती है।
कालापानी, लिपुलेख और लिंपियाधुरा में होगी जनगणना?
पिछले साल, ओली सरकार ने भारत के साथ विवाद को बढ़ाने के लिए कालापानी, लिपुलेख और लिंपियाधुरा में भी जनगणना करने का फैसला किया। हालांकि, वर्तमान शेर बहादुर देउबा सरकार ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि वे पिछली ओली सरकार के फैसले पर टिके रहेंगे या इसे बदलेंगे। 1991 की जनगणना के दौरान, सर्वेक्षण विभाग के पूर्व महानिदेशक बुद्ध नारायण श्रेष्ठ ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि हमारे जनगणना अधिकारी इन तीन गांवों तक पहुंच सकते हैं क्योंकि भारतीय सुरक्षा बल उन्हें कालापानी में प्रवेश नहीं करने देंगे।
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