मेरठ, । गांव आलमगीरपुर बढ़ला-8 निवासी आरिफ मजदूरी करता है। मंगलवार रात उनकी बेटी दस वर्षीय इकरा और आठ वर्ष की आलिया एक चारपाई पर सो रही थीं। दूसरी चारपाई पर उनकी पत्नी रिहाना और अन्य बच्चे सोए हुए थे।रात करीब दो बजे सांप ने इकरा की गर्दन व आलिया के हाथ में डस लिया। आरिफ दोनों बच्चियों को ग्राम प्रधानपति पपीत चौधरी की मदद से परीक्षितगढ़ में निजी डाक्टर के पास ले गए, जहां आलिया को मृत घोषित कर दिया। डाक्टरों के इलाज से मना करने पर स्वजन इकरा को गंभीर हालत में पहले गांव गेसूपुर और फिर भगवानपुर में सपेरों के पास ले गए। उन्होंने दवा दी लेकिन उसका शरीर नीला हो गया। इसके बाद उसे किसी झाड़ फंूक करने वाले के पास मवाना ले जाने लगे लेकिन रास्ते में उसकी भी मौत हो गई। स्वजन ने बिना पोस्टमार्टम कराए दोनों को गांव में सुपुर्द-ए-खाक कर दिया। गांव और घर में शोक पसरा है।सांप के डसने के बाद स्वजन ने सपेरों से इलाज के फेर में इकरा के इलाज में देरी कर दी। उसने भी 12 घंटे बाद दम तोड़ दिया। मां ने बताया इकरा ने ही उसे सोते हुए उठाया और सर्पदंश की जानकारी दी।