बलिया। जिला कारागार में बिगड़ती स्थितियों के बीच जेल अधीक्षक यूपी मिश्रा को निलंबित कर दिया गया है। शासन से मंगलवार को इस संबंध में आदेश जिला प्रशासन को मिल गया है। साथ ही कारापाल व डिप्टी जेलर के खिलाफ भी कार्रवाई की संस्तुति की गई है। हालांकि इस संबंध में जिला प्रशासन को आदेश प्राप्त नहीं हुआ है।बिजनौर में तैनात लाल रत्नाकर सिंह को बलिया जेल का अधीक्षक बनाया गया है। यूपी मिश्रा को डा. संपूर्णानंद कारागार प्रशिक्षण संस्थान लखनऊ से संबद्ध किया गया है। वहीं आजमगढ़ से जेलर राजेंद्र सिंह का बलिया तबादला किया गया है। पिछले कुछ महीनों से जेल में अधिकारियों के निरीक्षण में कई बार बैरकों से मोबाइल व आपत्तिजनक वस्तुएं बरामद हुईं। सख्ती के कारण बंदी परेशान होने लगे। अक्सर हंगामा होता रहा। 12 अगस्त को बंदियों ने जेल कर्मियों पर हमला कर दिया। डिप्टी जेलर जीतेंद्र कश्यप का गला दबाने की कोशिश भी की गई थी। इस कार्रवाई को इसी प्रकरण से जोड़कर देखा जा रहा है। यूपी मिश्रा ने जुलाई के प्रथम सप्ताह में बलिया में पदभार संभाला था।जिला कारागार में माहौल बिगड़ने के बाद हुई कार्रवाई से अधिकारी से लेकर कर्मचारी तक सन्न हैं। कोई कुछ भी बोलने से कतरा रहा है। जेल में हंगामा कोई नई बात नहीं है। अक्सर बंदियों के गुटों में विवाद होता रहता है, लेकिन इसके बाद ठोस उपाय नहीं होने से बात बिगड़ती गई। जेल में धीरे-धीरे सुलगती चिंगारी देखते ही देखते शोला बनती गई। मोबाइल के इस्तेमाल को लेकर विवाद बढ़ता गया। बंदी कारागार प्रशासन के विरोध में लामबंद होते गए। इस दौरान जिला व कारागार प्रशासन में सामंजस्य का अभाव देखा गया। इसके कारण हालात बिगड़ते गए और जेल कर्मियों पर हमला तक हो गया।14 जुलाई को मोबाइल के इस्तेमाल को लेकर बंदी भड़क गए। दो गुटों में विवाद हो गया। बंदीरक्षकों से उलझने के बाद वे उग्र हो गए। काफी देर तक हंगामा हुआ। बंदियों ने पथराव किया। इस दौरान पांच थानों की फोर्स व जिले के आला अधिकारी कारागार पहुंचे। पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े थे। लगभग तीन घंटे तक बवाल चलता रहा।