खबर दृष्टिकोण
सिधौली/सीतापुर। आज भारत का संविधान खतरे में है। साम्प्रदायिक और जातिवादी शक्तियाँ देश के ताने-बाने को नष्ट करने पर तुली हुई हैं। देश के इतिहास को विकृत कर देश को गृहयुद्ध के मुहाने पर ले जाने की साजिश की जा रही है। यह बात 26 फरवरी को अम्बेडकर पार्क बहादुरपुर, सिधौली में आयोजित मजदूर, किसान, युवा संसद, एजेण्डा यू0पी0 2024-25 में बोलते हुए मुख्य अतिथि दद्दू प्रसाद ने कही।
उन्होंने उपस्थित लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा कि अब वह समय आ गया है जब देश के दलित, आदिवासी, अतिपिछड़ों और अल्पसंख्यकों को अपने अधिकारों के लिए अंतहीन संघर्ष के लिए तैयार हो जाना चाहिए। इसके पूर्व पार्क में स्थापित डा. बी.आर. आंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण और पुष्पार्चन किया गया।
मजदूर किसान मंच की नेता सुनीला रावत ने कहा कि देश का आम आदमी मंहगाई और बेरोजगारी से परेशान है जबकि सरकार लोगों को आर्थिक विकास के बड़े बड़े सपने दिखा रही है। उन्होंने मांग की कि देश में हर परिवार के कम से कम एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए और देश भर में रिक्त पड़े लगभग एक करोड़ सरकारी पदों पर और उत्तर प्रदेश में लगभग छह लाख पदों पर तत्काल भर्ती की जाय।
आयोजन के संयोजक डा. बृजबिहारी ने कहा कि देश में कमजोर वर्गों की स्थिति दिन पर दिन खराब होती जा रही है। उन्हें मन्दिर और मस्जिद के झगड़ो में फंसाया जा रहा है। उन्होंने प्रत्येक दलित, आदिवादी, अतिपिछड़े और भूमिहीन परिवारों को प्रतिपरिवार एक एकड़ भूमि देने की मांग की।
आल इण्डिया पीपुल्स फ्रण्ट के प्रदेश महासचिव दिनकर कपूर ने कहा कि देश की सरकार कारपोरेट के हजारों करोड़ रूपये के कर्जे़ माफ कर रही है परन्तु देश के गरीबों, किसानों और आदिवासी भूमिहीनों के कर्जे माफ नहीं किए जा रहे हैं। उन्होंने सभी नागरिकों को निःशुल्क शिक्षा, स्वास्थ्य और नागरिक अधिकारों की गारन्टी देने तथा प्रति स्वयं सहायता समूह को पांच लाख रुपये देने पर बल दिया।
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनीष यादव ने किसानों की समस्याओं का ज़िक्र करते हुए मांग की कि किसानों की सभी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित किया जाय, रोजगार गारन्टी को 200 दिनों तक बढ़ाया जाय और मनरेगा मजदूरी को 500 रूपये किया जाए। इस मौके पर आर0पी0 गौतम, संतराम रावत, गया प्रसाद, रामबली, इरफान, आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
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आयोजन में वरिष्ठ साहित्यकार एवं पत्रकार भगवती प्रसाद अग्निहोत्री को उनके जनसरोकारों से जुड़े लेखन और निरन्तर सक्रियता के लिए सम्मानित किया गया। पूर्व मंत्री दद्दू प्रसाद एवं डा. बृजबिहारी ने शाॅल ओढ़ाकर व स्मृतिचिन्ह देकर सम्मानित किया।