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अल्पसंख्यक वर्ग के छात्रों को परम्परागत शिक्षा के साथ ही आधुनिक शिक्षा दी जा रही है

 

प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण मुस्लिम व वक्फ एवं हज तथा पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा है कि बदलते परिवेश एवं भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिये छात्रों को ए.आई. (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) की शिक्षा बेहद जरूरी है। उन्होने कहा कि शिक्षा को रोजगार परक बनाने तथा बच्चों में नैतिक मूल्यों की स्थापना के लिये ए.आई. का सक्रिय सहयोग लिया जाना चाहिये। उन्होने कार्यशाला के आयोजन के लिये बेसिक शिक्षा विभाग तथा इससे जुड़े आयोजको को बधाई देते हुये कहा कि समाज की गरीबी एवं अन्य समस्याओं के समाधान के लिये शिक्षा जरूरी है। इसलिये गुरूजनों की महती जिम्मेदारी है कि अपने दायित्वों का निर्वन्ह पूरी निष्ठा से करते हुये प्रधानमंत्री के सपनों का उत्तर प्रदेश बनाने में अपना बहुमूल्य योगदान दे।

धर्मपाल सिंह आज यहां इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान गोमती नगर, लखनऊ में राज्य शैक्षिक अनुसंधान औऱ प्रशिक्षण परिषद उ0प्र0 लखनऊ द्वारा आयोजित एन.ई.पी-2020 की संस्तुतियों के क्रियान्वयन के संबंध में प्राचार्य एवं डायट प्रवक्ताओं की अभिमुखीकरण कार्यशाला को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मुझे प्रसन्नता है कि विभिन्न बोर्डों की सहभागिता के माध्यम से बेसिक शिक्षा विभाग के साथ मिलकर मदरसा शिक्षा परिषद ने एक दूरगामी निर्णय किया है। उन्होने कहा कि राज्य सरकार अल्पसंख्यक वर्ग के बच्चों को भी समाज की मुख्य धारा से जोड़ने के लिये क्रान्तिकारी कदम उठाये है।

पशुधन मंत्री ने कहा कि अल्पसंख्यक वर्ग के बच्चों को परम्परागत शिक्षा के साथ ही आधुनिक शिक्षा दी जा रही है। ताकि अल्पसंख्यक समाज के बच्चे अपनी तरक्की के साथ राष्ट्र निर्माण में अधिकतम योगदान दे सके। उन्होने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी के नेतृत्व में सभी के लिये समान शिक्षा के द्वार खुले हुये है। इसके साथ ही आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की शिक्षा मदरसों तक पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है। उन्होने कहा कि इस कार्यशाला के माध्यम से विभिन्न मदरसों के शिक्षकों को ए.आई. हेतु प्रशिक्षित करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होने ये भी कहा कि आने वाले समय में प्रदेश के समस्त शिक्षकों को डॉयट के माध्यम से ए.आई. का प्रशिक्षण दिलाया जायेगा।

इस अवसर पर कार्यशाला को संबोधित करते हुये प्रदेश के बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह ने कहा कि आज की इस कार्यशाला का आयोजन नई शिक्षा नीति को लेकर किया जा रहा है नई शिक्षा नीति में बच्चों के पठन-पाठन के तरीकों का नया रूप दिया गया है। जिसके माध्यम से बच्चों को सर्व समावेशी शिक्षा प्रदान करने का कार्य किया जा रहा है। बच्चों को किताबी ज्ञान के साथ-साथ व्यवहारिक ज्ञान भी प्रदान किया जाय। उन्होंने तकनीकी शिक्षा पर बल देते हुए कहा कि पूरे प्रदेश के सभी स्कूलों में बच्चों को तकनीकी शिक्षा प्रदान करने का कार्य किया जा रहा है।

संदीप सिंह ने कहा कि शिक्षक शिक्षिकाएं बच्चों को बेहतर ढंग से शिक्षा प्रदान करें, जिससे वह अच्छी शिक्षा प्राप्त कर अपना एवं अपने जनपद एवं माता-पिता का नाम रोशन करेंगे। शिक्षक बच्चों के साथ अच्छा व्यवहार करें इसका भी ध्यान अवश्य रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी का लक्ष्य है कि दुनिया में भारत को सबसे श्रेष्ठ राष्ट्र बनाना है। जिसको ध्यान में रखते हुए हम सबको मेहनत से कार्य करना है बेसिक शिक्षा विभाग निरंतर बच्चों को अच्छी शिक्षा प्रदान करने में स्कूल में सभी आवश्यक व्यवस्था कराए जाने का कार्य भी किया जा रहा है। इस मौके पर मंत्री द्वारा पुस्तक एवं शब्दकोष का विमोचन भी किया। विमोचन में हिंदी अवधी, हिंदी ब्रज, हिंदी बुंदेली एवं हिंदी भोजपुरी शब्दकोश एवं डिजिटल लिटरेसी कंपनी कम्प्यूटेशनल थिंकिंग कोडिंग एवं ए.आई. (कक्षा 6, 7 व 8) पुस्तक तथा ए.आई. से संबंधित वीडियो, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के परिप्रेक्ष्य में पूर्व प्राथमिक से कक्षा 8 तक के विद्यार्थी हेतु हॉलिस्टिक रिपोर्ट कार्ड का विमोचन किया।

इस अवसर पर अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की अपर मुख्य सचिव मोनिका एस. गर्ग ने अपने संबोधन में कहा कि बच्चों के पाठ्यक्रम में ए.आई. को शामिल करने से उनकी बौद्धिक एवं तार्किक क्षमता में वृद्धि होगी। इसके साथ ही आगे की शिक्षा तथा रोजगार के नये द्वार खुलेंगे। प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा डा0 एम.के.एस. सुन्दरम् द्वारा कार्यशाला के आयोजन हेतु एस.सी.ई.आर.टी. को बधाई दी गयी। साथ ही एस.सी.ई.आर.टी. तथा डायट्स मिलकर पूरी प्रतिबद्धता के साथ शिक्षा की गुणवत्ता संवर्द्धन हेतु प्रयास करने के लिये प्रेरित किया गया। प्रमुख सचिव महोदय ने यह अपेक्षा की है कि बेसिक शिक्षा विभाग उ0प्र0 को समयबद्ध रूप से निपुण प्रदेश बनाने का प्रयास करेगा। सभी डायट्स शिक्षक प्रशिक्षण एवं विद्यालय शिक्षा के गुणवत्तासंवर्द्घन हेतु सेन्टर ऑफ ऐक्सिलेंस के रूप में स्वंय को विकसित करेंगे। महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने शिक्षा मे सतत् सुधार तथा ए.आई. के बेहतर उपयोग की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होने शिक्षा की उन्नति के लिये डायट्स को और अधिक सक्रिय बनाने तथा शिक्षा में नये प्रयोग अपनाने पर जोर दिया।

इस अवसर पर निदेशक स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग नई दिल्ली श्री जेपी पांडे ने नई शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन एवं निपुण भारत मिशन के संबंध में विस्तार से जानकारी दी तथा निदेशक प्रशिक्षण सीबीएसई नई दिल्ली श्री राम शंकर ने नई शिक्षा नीति 2020 पर प्रकाश डालते हुये कहा कि शिक्षक मेहनत से कार्य करे। इस अवसर पर सचिव बेसिक शिक्षा श्रीमती अपर्णा-यू ने कार्यक्रम में आए हुए सभी अतिथियों का स्वागत किया।

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