गाजीपुर : नेवादा दलित बस्ती में हो रहे मतांतरण के आरोप में पहुंची पुलिस ने 28 लोगों को हिरासत में ले लिया। सभी से गहनता से पूछताछ की, लेकिन मतांतरण सिद्ध नहीं होने पर चेतावनी देते हुए रिहा कर दिया गया। प्रशासन का कहना है कि बिना अनुमति के सभी प्रार्थना सभा कर रहे थे।आरएसएस के पदाधिकारी दयाशंकर तिवारी और संजय राय ने आरोप लगाया कि रविवार को बाइबिल रखकर लगभग 50 की संख्या में लोगों का धर्मांतरण कराया जा रहा था। उन्होंने तत्काल पुलिस को मौके पर बुलाया। पुलिस ने दिखा कि एक घर में महिलाएं और पुरूष एकत्र होकर बाइबिल धर्म ग्रंथ रख कर ईसाई धर्म के प्रभु यीशु की संगीतमय प्रार्थना कर रहे हैं। करीमुद्दीनपुर थानाध्यक्ष विश्वनाथ यादव ने बताया कि बिना अनुमति के प्रार्थना सभा करने पर चितबड़ागांव के आयोजक गोरखराम समेत 28 लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई। इसके बाद सभी को ऐसा नहीं करने की चेतावनी देते हुए रिहा कर दिया गया। सभी की गतिविधियों पर पुलिस नजर रखे एक-एक लोगों से गहनता से पूछताछ की गई। धर्मांतरण का कोई मामला सिद्ध नहीं हो रहा है। यह एक प्रार्थना सभा थी। इसलिए आगे ऐसा न करने की हिदायत देकर सभी को छोड़ दिया गया।



