Breaking News

आखिरकार गलती है किसकी-शासनादेशों में खोट या अधिशासी अभियंता की कार्यशैली नहीं करना चाहती शासनादेशों का पालन

 

अवर अभियंता डीएन सिंह सहित कई वर्षों से एक ही जगह पर जमे

 

शासनादेशों का संज्ञान अधिशासी अभियंता प्रांतीय खंड को लेना होगा

पवन कुमार सिंह

सीतापुर।प्रदेश शासन द्वारा निर्गत शासनादेशों का अवहेलना विभागों में कोई नई बात नहीं है, जिस तरह से सरकार उन्हें जारी करती है उसी तरह से सख्त से सख्त कार्यवाही हो तो यह कहा जा सकता है की इस तरह की पुनरावृत्ति नहीं होगी।परंतु ऊपर से आदेश तो जारी कर दिया जाता है पर यह जहमत शायद नहीं उठाई जाती की उस आदेश का पुनर्वालोकन किया जाए।जिससे सिस्टम में बैठे वरिष्ठ अधिकारी भी इन आदेशों पर गौर फरमाएं और इससे कार्यों के प्रति लापरवाही करने वाले अधिकारियों को भी सबक मिले।परंतु अमूमन ऐसा होता नहीं,और वरिष्ठ अधिकारी इन शासनादेशों को किस तरह से पालन करते हैं यह सभी को पता है,की शासनादेशों की ओट लेकर कुछ न कुछ मिल जाए।जिसको इधर उधर जाना है वह भी अपनी मनपसंद जगह पर कार्य करेगा।कहने का मतलब यह है की स्थानांतरण प्रक्रिया क्या एक बिकाऊ सामान बन चुकी है।अगर ऐसा नहीं है तो प्रांतीय खंड(लोनिवि)सीतापुर में अवर अभियंता डीएन सिंह लगभग18वर्षों से जनपद में कैसे जमे हैं,यहां तक की क्षेत्र(फील्ड) परिवर्तन भी समय पूरा होने के बावजूद नहीं हुआ,क्यों? क्या इसे विभागीय लापरवाही कहा जाएगा। यह कहना कितना सत्य होगा इसका तो पता नहीं,पर ” अजी पब्लिक है सब जानती है अंदर क्या है बाहर क्या है सब पहचानती हैं। ” यही नहीं जनपद सीतापुर प्रांतीय खंड में कुछ नामचीन नाम जिसमें अवर अभियंता श्रवन कुमार,अवर अभियंता धनीराम भार्गव,रामकृष्ण श्रीवास्तव प्रशासनिक अधिकारी जो बड़े बाबू के पद पर कार्यरत हैं,वरिष्ठ सहायक महेश प्रसाद यादव व वरिष्ठ सहायक अमित श्रीवास्तव शामिल हैं,नाम अगर खोजे जाएं तो बातें हो रही हैं और नाम भी सामने आ सकते हैं। जो नाम है उनमें वर्षों से एक जगह काम कर रहे पटल बाबू का दूसरे स्थान पर स्थानांतरण हुआ है न ही उन अवर अभियंता के क्षेत्र(फील्ड) परिवर्तन हुआ है, आखिरकार गलती किसकी मानी जाए शासनादेशों में खोट है या फिर अधिशासी अभियंता या वरिष्ठ अधिकारियों की कार्यशैली नहीं कर रही शासनादेशों का सही तरीकों से पालन,सवाल खड़ा होता है,शासनादेशों का पालन सही तरीके से नही हो रहा?शासनादेशों में तो खोट नहीं हो सकता वह इसलिए की शासन नियम से चलाया जाता जिसके लिए समय समय पर शासन शासनादेश कड़ाई से पालन करने के लिए शासनादेश जारी करता है पर इसपर विभाग में बैठे उच्चाधिकारी क्या बैठे बिठाए मोटी रकम बनाने का जरिया बना लेते हैं,अगर ऐसा नहीं है तो,समयावधि पूरी होने के बाबजूद अबतक एक स्थान कार्य कर्मचारी कैसे कार्य कर रहे हैं, सोचने वाली बात है।प्रांतीय खंड (लोनिवि) जैसे बड़े वृहद विभाग में एक-दो तो छूट सकता है पर इतने लंबे अर्से तक कई-कई कर्मचारी एक ही जगह बने हैं,यह बात हजम होने से बाहर है।जो साफ इंगित करता है स्थानांतरण प्रक्रिया में कहीं न कहीं भ्रष्टाचार का रवैया व्यापत है क्या?लग तो कुछ ऐसा ही रहा है।परंतु ऐसे अधिकारियों को सोच बदलनी होगी,वह इसलिए की शासन ने संज्ञान में लिया की शासनादेशों का पालन प्रांतीय खंड(लोनिवि) में सही तरह से नहीं हो रहा तो कार्यवाही की जा सकती है।जिसमें उच्चाधिकारी भी इसकी जद में आएंगे।देखना होगा शासन संज्ञान लेगा या अधिकारी अपनी साख बचाने के लिए सही तौर तरीका अपनाएंगे। जिससे शासनादेशों होगा सही ढ़ग से पालन,यह तो फिलहाल आने वाला समय ही बताएगा।

 

——————-

बाक्स

पैसा कमाने का जरिया बन गया क्या स्थानांतरण प्रक्रिया,बना सवाल?

सीतापुर। एक ओर जहां शासनादेश हैं तो दूसरी तरफ अधिकारियों का वहीं पुराना रवैया,बातें हो रही हैं की सरकारी मशीनरी तो वही है तो काम करने वालों का रवैया कैसे बदल सकता है। शासन द्वारा निर्गत आदेश में है स्पष्ट लिखा है कि अपना कार्यकाल पूरा कर चुके को हटाया जाए ऐसा होता प्रतीत नहीं हो रहा है तो क्या स्थानांतरण प्रक्रिया अधिकारियों के लिए भ्रष्टाचार का जरिया बन गया है,यह बड़ा सवाल है? अगर ऐसा नहीं है और स्थानांतरण प्रक्रिया को भ्रष्टाचार का जरिया नहीं बनाया गया है तो अभी तक वर्षों से एक ही जगह पर कार्य कैसे कर्मचारी कर रहे हैं। जो साफ करता है की स्थानांतरण प्रक्रिया कहीं ना कहीं भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रही है।क्योंकि जिसको जहां रहना है वह वहां रहे तो उसके लिए चढ़ावा मिल जाए और शासनादेश का पालन हो गया समझिए?क्या यही स्थानांतरण में हो रहा है।बातें हो रही हैं कोई न कोई कहीं न कहीं तो स्थानांतरित हो जाता है बस उसी फेरबदल में सब कुछ हो जाता है।इसी में जुगाड़ू कहीं न कहीं से जुगाड़ कर ही लेते हैं। तो क्या स्थानांतरण में यही,रणनीति अपनाई जा रही है। अगर ऐसा है तो स्थानांतरण प्रक्रिया कहा जा सकता है कि पूरी तरीके से भ्रष्टाचार में संलिप्त है। नहीं तो जनपद में अवर अभियंता डीएन सिंह को लगभग 18 वर्षों से जनपद में तैनात है तथा क्षेत्र(फील्ड) में भी तयसुदा समय से ज्यादा हो गया है, साथ ही कई अवर अभियंता व बाबू पटल का भी कुछ यही हाल प्रांतीय खंड(लोनिवि)सीतापुर में देखने को मिला। शासन इसपर क्या रूख अख्तियार करेगा यह आगे पता चलेगा।

——

About Author@kd

Check Also

गर्म हवा व लू से बचाव को लेकर जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा एडवाइजरी जारी

  लू से बचने के लिए सुरक्षात्मक उपायों को अपनाएं जनसामान्य खबर दृष्टिकोण ब्यूरो रिपोर्ट …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!