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मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड में नहीं है सभी फ़िरक़ों का प्रतिनिधित्व: जितेन्द्रानन्द

 

सनातन हिन्दू सुरक्षित तो भारत राष्ट्र सुरक्षित

लखनऊ। अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री स्वामी जितेन्द्रानन्द सरस्वती ने कहा कि आल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड में भी सभी फिरकों का प्रतिनिधित्व नहीं है।

स्वामी जितेन्द्रानन्द सरस्वती ने शनिवार को अपने सोशल मीडिया एकाउंट के माध्यम से लिखा कि सर्व धर्म समभाव की बात करने वालों से पूछिये कि आल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड में क्या 73 फ़िरक़ों का प्रतिनिधित्व है? उन्होंने लिखा कि चर्च साम्राज्य में 148 आर्थोडाक्स हैं वहां समानता है? ब्लैक इसाई, गोरे इसाई एक साथ चर्च नहीं जा सकते हैं? शिया-सुन्नी क्या एक मस्जिद में नमाज़ पढ़ सकते हैं? बौद्धों के हीनयान-महायान क्या एक ही मन्दिर में जा सकते हैं? श्वेताम्बर और दिगम्बर जैन से भी पूछिये कितनी पंचायत है? इसी तरह सिखों में भी अकाली, सहजधारी, निर्मला, निरंकारी, नामधारी आदि हैं। फिर सनातन पर ही प्रहार क्यों? स्वामी जितेन्द्रानन्द ने कहा कि ‘विविधता में एकता-हिन्दू की विशेषता’ है। हमारे इसी गुण के कारण सबको अपने सम्प्रदाय ख़तरे में लगते हैं। क्योंकि जब बात सनातन हिन्दू धर्म की आयेगी तो 128 सम्प्रदाय सनातन धर्म की रक्षा के लिये एक साथ उठ खड़े होंगे। यही डर बाक़ी को खाये जा रहा। ‘सनातन हिन्दू सुरक्षित तो भारत राष्ट्र सुरक्षित’ है।

उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान में सिख, जैन, बौद्ध अलग धर्म नहीं, बल्कि हिन्दू धर्म की शाखा है। इसलिए नव बौद्ध पगलायें नहीं’।

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