प्रधानमंत्री नरेन्द्र ने धार्मिक स्थलों के विकास का महत्व समझाया
पूर्व की सरकार पर जातिवाद और भाई भतीजावाद के आरोप संग हमला बोला
लखनऊ, । अयोध्या, काशी, मथुरा, प्रयागराज और केदारनाथ में हो रहे विकास को सांप्रदायिक दृष्टिकोण से देखने वालों को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तथ्यों व तर्कों से जवाब दिया। बोले, धार्मिक स्थलों के विकास में आस्था भी है और आजीविका के अवसर भी। तीर्थ स्थलों को जब भव्य-दिव्य व सुविधा-संसाधनयुक्त किया गया तो भक्तों की संख्या भी बढ़ी। पर्यटन बढ़ने से आर्थिक गतिविधियां बढ़ती हैं, लोगों को रोजगार मिल रहा है।प्रयागराज के फाफामऊ में प्रयागराज व प्रतापगढ़ और अमेठी के गौरीगंज में अमेठी, सुलतानपुर व रायबरेली की संयुक्त जनसभा में गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र ने धार्मिक स्थलों के विकास का महत्व समझाया। कहा गंगा की सफाई का काम सांप्रदायिक दृष्टि से नहीं हुआ बल्कि यह पर्यावरण संरक्षण था। विकास से लोगों को रोजगार मिले, कारोबार बढ़े और आर्थिक संपन्नता आए इसलिए ही डबल इंजन की सरकार सड़कों का जाल बिछा रही है, पुल बनाया जा रहा है, इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत किया जा रहा है। मोदी ने धार्मिक स्थलों के विकास को सांप्रदायिक नजरिये से देखने वालों को बताया कि दूसरे देशों में ऐसा नहीं है। दो साल पहले मक्का में हज और उमरा करने वाले दो करोड़ लोग पहुंचे वहीं ईसाई धर्म के एक करोड़ से ज्यादा लोग वेटिकन सिटी पहुंचे थे। जब बाहर से लोग आते हैं तो स्थानीय अर्थ तंत्र मजबूत होता है।पीएम ने पूर्व की सरकार पर जातिवाद और भाई भतीजावाद के आरोप संग हमला बोला। कहा, सरकारी परियोजनाओं का ठेका ऐसे ही लोगों को दिया जाता था। अधूरा काम कर पूरा बजट लूट लिया जाता था। कुंभ में भी घोटाले किए जाते थे। यूपी के हर जिले का ऐसा ही हाल हुआ। इस वजह से कहीं अस्पताल तो कहीं स्कूल अधूरा है। अब माफिया योगी सरकार में जेल चले गए। लूटने वाले ठेकेदार अब ताले लगाकर भीतर बैठ गए।पीएम ने कहा यूपी में चार चरणों के मतदान के बाद जनता भाजपा और सहयोगी दलों को भरपूर आशीर्वाद दे रही है। यूपी बड़े सपनों के साथ आगे बढ़ रहा है। डबल इंजन की सरकार इन सपनों को तेजी से पूरा करने में जुटी है। हमारे साथ योगी, केशव, अनुप्रिया और संजय निषाद जैसा नेतृत्व है जबकि दूसरी तरफ वैक्सीन को लेकर अफवाह फैलाने वाले नेता हैं। सशक्त नेतृत्व बिना देश का निर्माण नहीं हो सकता है। ये परिवारवादी ही नहीं अफवाहवादी, पलायनवादी और अंधविश्वासवादी हैं। कुर्सी न चली जाए इसके लिए ये नोएडा और बिजनौर नहीं जाते हैं। ऐसे अंधविश्वासी नेतृत्व को यूपी स्वीकार नहीं करेगा। युवा पीढ़ी ऐसे अंधविश्वासियों पर भरोसा नहीं करेगी।मोदी ने कहा, 2017 के पहले की सरकार ने युवाओं से छल किया। योग्यता को दरकिनार कर जातिवाद, क्षेत्रवाद, सिफारिश और नोटों के बंडल से नौकरियां दी जाती थीं। अपने कारोबारियों को आयोगों के महत्वपूर्ण पदों पर बिठाकर खेल खेला। इन लोगों ने अपने दस वर्ष के शासनकाल में मात्र दो लाख लोगों को नौकरी दी। जबकि योगी जी की सरकार ने अपने पांच साल में पांच लाख युवाओं को सरकारी नौकरी दी। पहले यूपी में पीसीएस और यूपीएससी का पाठ्यक्रम अलग-अलग होता था, इसमें समय और धन दोनों अधिक खर्च होता था। भाजपा सरकार ने दोनों का पाठ्यक्रम लगभग एक जैसा कर दिया। अब युवा एक ही मेहनत से दोनों परीक्षाओं में भाग ले पा रहे हैं।