ठंड से किसी गोवंश की मृत्यु न हो ,गोवंश के ठंड से बचाव के लिए पर्याप्त इंतजाम किए जाए
पशुचिकित्साधिकारी गौआश्रय स्थल जाकर गौवंश के स्वास्थ, चिकित्सा व औषधि की व्यवस्था देखे
खबर दृष्टिकोण।
लखनऊ। पशुधन विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने सोमवार को विधान भवन स्थित कार्यालय में प्रदेश के गौ आश्रय स्थलों की वर्तमान स्थिति की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को सख्त निर्देश दिये कि गो आश्रय स्थलों पर गोवंश के ठंड से बचाव के लिए त्रिपाल अलाव आदि की पर्याप्त व्यवस्था की जाए। ठंड से किसी भी गोवंश की मृत्यु न हो। पशुचिकित्साधिकारी गौ आश्रयस्थल पर जाकर गोवंश के उत्तम स्वास्थ्य, चिकित्सा एवं औषधि की व्यवस्था सुनिश्चित करें। केयरटेकर रात्रि में गोआश्रय स्थल पर ही रुके और गौवंश हेतु आवश्यक कार्य सुचारू रूप से पूरे करें। जनपद के नोडल अधिकारी गौ आश्रय स्थलों का नियमित रूप से निरीक्षण कर चारा, भूसा, पानी प्रकाश आदि व्यवस्थाएं सुनिश्चित करें।
पशुधन मंत्री ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री निराश्रित गोवंश के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए प्रतिबद्ध है, इसलिए गौ संरक्षण केंद्रों की स्थापना का कार्य प्राथमिकता के आधार पर पूर्ण किया जाए और निराश्रित गोवंश को संरक्षित किया जाए। इन कार्यों हेतु ग्राम्य विकास विभाग एवं अन्य सहयोगी विभागों से समन्वय स्थापित कर कार्य किया जाए। चारागाहों भूमि को कब्जामुक्त कराते हुए मनरेगा से बहुवर्षीय और सीजनल चारा बुआया जाए। अधिकारियों को निर्देशित किया कि सभी अवस्थापना संबंधी कार्य माह फरवरी तक पूर्ण कर लिया जाए। कार्यदाई संस्था द्वारा मानक के अनुरूप तथा लेआउट के अनुसार कार्य किया जाए। अवस्थापना संबंधी कार्यों में गुणवत्ता का पूरा ध्यान रखा जाए। गोवंश शेड, पानी पीने की चराहिया, खडंजा आदि मजबूत एवम व्यवस्थित तरीके से निर्मित कराया जाए। वर्तमान में अब तक प्रदेश के 7696 गोआश्रय स्थलों पर 1235700 निराश्रित गोवंश संरक्षित किये गये हैं। जिन गौ आश्रय स्थलों में अव्यवस्था या गौवंश की देखभाल संबंधी कोई भी शिकायत संज्ञान में आए वहां तत्काल सुधार किया जाए।बैठक में पशुधन विभाग के विशेष सचिव देवेन्द्र पाण्डेय, पशुपालन विभाग के निदेशक(प्रशासन एवं विकास) डा0 जयकेश कुमार पाण्डेय, निदेशक/अपर निदेशक (रोग नियंत्रण एवं प्रक्षेत्र), डॉ0 योगेंद्र पवार, संयुक्त निदेशक, डॉ पीएन सिंह, डॉ एलडीबी के डॉ नीरज गुप्ता सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे ।