इस्लामाबाद
पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी भारत की हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस -2 को लेकर आशंका है। पाकिस्तानी वायु सेना में मिराज विमान के 50 साल पूरे होने के कार्यक्रम में शामिल हुए पाकिस्तानी राष्ट्रपति ने कहा कि भारत ने ब्रह्मोस -2 मिसाइल बनाई है। इस मिसाइल की गति 8.5 मच है, जिसका अर्थ ध्वनि की गति से 8.5 गुना तेज है। ब्रह्मोस मिनटों के भीतर पाकिस्तान में प्रवेश कर सकता है। इसलिए, हमें अपने स्व-घोषित दुश्मन के खिलाफ रक्षा को मजबूत करने की आवश्यकता है।
पाकिस्तानी वायु सेना की तारीफों के पुल
उन्होंने पाकिस्तानी वायु सेना की प्रशंसा पढ़ते हुए कहा कि पीएएफ प्रतिकूल परिस्थितियों में भी किसी भी साहस के खिलाफ देश की रक्षा करने में पूरी तरह से सक्षम है। उन्होंने यह भी दावा किया कि पीएएफ ने कई बार सीमित संसाधनों के बावजूद विशेष रूप से झगड़ालू पड़ोसी भारत के दुस्साहस का जवाब देकर अपनी ताकत साबित की है।
पाकिस्तानी राष्ट्रपति ब्रह्मोस से क्यों डरते हैं
ब्रह्मोस की गति और अचूक निशाना इसे सबसे घातक हथियारों में शुमार करता है। यह मिसाइल पलक झपकते ही 9800 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से 1000 किलोमीटर की दूरी पर बैठे दुश्मन को खत्म कर सकती है। इसे किसी भी युद्धपोत, पनडुब्बी, लड़ाकू विमान या ऑन-लैंड मोबाइल लांचर से दागा जा सकता है। यह दुनिया की पहली ऐसी मिसाइल भी है जिसे तीनों जगहों, पानी, ज़मीन और आसमान से दागा जा सकता है।
भारत और रूस ने टीम बनाई ब्रह्मोस मिसाइल
ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल को संयुक्त रूप से रूस के एनपीओ मकोस्त्रोइनेया और भारत के रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा विकसित किया गया है। यह रूस की P-800 ओनकिस क्रूज मिसाइल की तकनीक पर आधारित है। ब्रह्मोस मिसाइल का नाम भारत के ब्रह्मपुत्र और रूस की मस्कवा नदी के नाम पर रखा गया है।
भारत, रूस ब्रह्मोस को और घातक बना रहे हैं
भारत और रूस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस का एक नया संस्करण बना रहे हैं। नई मिसाइल दुश्मन देश के अवाक्स सिस्टम (एयरबोर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल) को मारने में कारगर होगी। अवाक्स प्रणाली को उसके आकार और वजन के अनुसार भारी और मध्यम श्रेणी के विमान पर रखा गया है। इसकी मदद से विमान के अंदर बैठे ऑपरेटर एक निश्चित दूरी तक हवाई जहाज और मिसाइलों की उड़ान पर नज़र रखते हैं।