मंदिर परिसर की भूमि पर अवैध कब्जा,प्रशासन मौन
पवन कुमार सिंह
सीतापुर।वर्तमान की भाजपा सरकार और योगी नेतृत्व जहां भ्रष्टाचार पर कमर कसते हुए लोगों में एक अमिट छाप छोड़ रही है तो मंदिर मामले में भी सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला आने से भी सरकार की छवि मे इजाफा हुआ है वह इसलिए की मंदिर मुद्दा कहीं न कहीं भारतीय जनता पार्टी के रास्ते से होकर गुजरता है,जिसमे प्रदेश सरकार मे भाजपा रहते हुए सुप्रीम कोर्ट से सफलता भी मिली। लेकिन अगर विकास की बात की जाए तो बहुत से मंदिरों का भी विकास आज भी अधूरा है बताते चलें कि विकास खंड कसमंडा के गांव फूलपुर में स्थित है यह धार्मिक व प्रख्यात
मंदिर राधा कृष्ण नरसिंह भगवान बिहारी मंदिर बताया जा रहा है और इन दिनों काफी चर्चा में जिसमें भी विकास के नाम पर,न पक्की सड़क,न बिजली,न सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम और हैरत की बात तो यह कि स्वतंत्रता संग्राम सेनानी संत चंद्र भाल सिंह(किशोरीदास)पुत्र बदलू सिंह का यादगार स्मारक तक अबतक यहां नहीं बनाया गया,जबकी देखा जाए तो विकास खंड कसमंडा( कमलापुर) में स्थित स्मृति शेष स्मारकों में चौथे नंबर पर नाम अंकित है उसके बावजूद भी अब तक ध्यान नहीं दिया गया बताते चलें कि यहां पर मंदिर के सौंदर्यीकरण मे भी भी भ्रष्टाचार किया गया ऐसी भी बातें हो रही हैं। बताते हैं कि राधा कृष्ण नरसिंह भगवान मंदिर लखई घाट पर लोग यहां पर काफी सारी चर्चाएं करते हुए नजर आ रहे हैं,मंदिर काफी ख्याति प्राप्त है काफी दूर-दूर से लोग यहां आते हैं मन्नत मांगते हैं और मन्नत पूरी होने पर मीठे पूवों का रोट भी बाबा जगजीवन दास का चढाते हैं। बाबा जगजीवन दास के अलावा यहां पर कई और महापुरुषों की समाधि या इंगित है जिसमें छत्र दास बाबा,रतन दास बाबा, चंद्रभान सिंह उर्फ किशोरी दास स्वतंत्रता संग्राम सेनानी बाबा और बीते कुछ वर्षों पहले समाधि लेने वाले बाबा सत्य धर्म प्रेमी निराला पंत की समाधिया और मूर्ति मौजूद है। बताते चलें कि इस विशालकाय मंदिर के पीछे गोन नदी प्रवाहित होती है लोगों का कहना है कि उस पर भी 2007 से 2010 के मध्य में एक पुलिया का निर्माण कार्य कराया गया था जो लगभग कुछ ही वर्षों बाद टूट गई थी आज वह जर्जर है और मंदिर वा फूलपुर से सीधा खैराबाद अथवा सीतापुर को जाने के लिए जो रास्ता है वह अत्यंत ही खराब है 500 मीटर रास्ते पर किसी भी प्रकार का वाहन जाने योग्य नहीं है यहां तक कि इसे बहुत बड़ा दुर्भाग्य है कि पुलिया की स्थिति बहुत जर्जर हो चली है बीच में पूरी तरीके से टूट चुकी है ग्रामीणों का कहना है कि 20वर्ष तक तो चलना ही था परंतु यह अभी से जर्जर है।बताते चलें कि राधा कृष्ण नरसिंह भगवान मंदिर पर कई एकड़ भूमि पर भी यहां पर लोगों का अवैध कब्जा है और काफी वर्षो से वह इस पर खेती कर रहे हैं। जिसका कोई भी हिस्सा मंदिर परिसर को नहीं दिया जाता है जिससे यहां पर मंदिर का रखरखाव और विकास नहीं हो पा रहा है। अतिक्रमण के लिए शासन द्वारा अधिकारियों को निर्देशित किया गया है परंतु सालों से इस भूमि पर किसी का ध्यान नहीं गया सरकार द्वारा इस पर ध्यान देने की आवश्यकता है ।जिससे कि मंदिर परिसर की पुजारी सुमन देवी से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने जीवन यापन से जुड़ी समस्याओं को बताया कि अगर मंदिर परिसर में जो श्रद्धालुओं के द्वारा दिया जाता है उसी से जीवनयापन किया जा रहा है भरण पोषण संबंधी जो दिक्कतें आती हैं उनका उन्हीं से निर्वाहन होता है बताते चलें अगर मंदिर परिसर की इस भूमि पर लोगों द्वारा जो अतिक्रमण है। उसको हटा दिया जाए तो इस पर मंदिर पुजारी को भी कोई दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ेगा लेकिन अब तक इस विषय में कोई पहल नहीं की गई है जिससे कि लोगों का कब्जा अब भी बदस्तूर मंदिर परिसर की भूमि पर है जो शासन की अतिक्रमण नीति पर भी सवाल खड़ा कर रहा है। इस मंदिर पर जल्द से जल्द परिसर की भूमि को प्रशासन द्वारा अतिक्रमण मुक्त करना चाहिए जिससे कि मंदिर के पुजारी के सामने जो भरण पोषण संबंधी दिक्कतें आती हैं उनका तो समापन हो जाएगा साथ ही साथ मंदिर की भूमि से जो यहां पर हर वर्ष यज्ञ का आयोजन भी किया जाता है। उसमें भी काफी सहयोग मिल सकता है जिससे कि इस पर प्रशासन को आगे आना होगा और मंदिर परिसर की भूमि पर अतिक्रमण हटाते हुए इसको मंदिर परिसर के पुजारी को प्रशासन द्वारा कार्यवाही करते हुए सपना चाहिए जिससे कि भविष्य की दिक्कतों का निदान हो सके।
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ऊर्जा मंत्री आदेश के बाबजूद नहीं हो सका विद्युतीकरण?
सीतापुर। सरकार के विकास कार्यों को ध्यान में रखते हुए जहां विभिन्न नीतियों को क्रियान्वित कर जनता तक पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है तो वही बताते चलें कि राधा कृष्ण मंदिर दंडक वन लखाई घाट मंदिर पर यहां पर लोगों के द्वारा चर्चाएं हैं कि वर्ष 2001 जुलाई 6 में भाजपा सरकार में ऊर्जा मंत्री रहे लल्लू सिंह चौहान ने मंदिर परिसर पर विद्युतीकरण का आदेश किया था लेकिन आज भी यहां पर अंधेरा व्याप्त है। उस सरकार के द्वारा विद्युतीकरण का आदेश सरकार जाते ही विभागीय अधिकारियों की अनदेखी का सबब बन गया।आज भी इसी कारण से यहां पर लोग बताते हैं कि विद्युतीकरण नहीं हो सका लेकिन साथ ही साथ यह भी बता रहे हैं कि फिर से भारतीय जनता पार्टी की सरकार वर्तमान में है। इसे पटल पर लाया जाना चाहिए और तत्काल ही मंदिर परिसर पर विद्युतीकरण की ओर प्रयास करने चाहिए। हालाकी मंदिर परिसर पर विद्युतीकरण ना होने की बात को लेकर लोगों ने इसपर त्वरित विद्युतीकरण बात दोहराई है और इस पर पुनः आदेश करते हुए मंदिर पर विद्युतीकरण कराने की भी मांग की है।
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सुरक्षा के लिहाज से नहीं सुरक्षित हो चुकी है चोरियां,पुलिस पिकेट ड्यूटी की जाए
सीतापुर। वर्तमान सरकार जहां चारों तरफ सुरक्षा व्यवस्था की बात हो रही है तो बताते हैं कि यहां पर ग्रामीणों का कहना है कि मंदिर परिसर की सुरक्षा को लेकर सवाल उठ रहे है ।क्योंकि यहां पर मंदिर काफी निर्जन स्थान पर है। लेकिन यहां पर पुलिस पिकेट नहीं होती है ना ही कोई मंदिर परिसर में कोई सीसीटीवी लगा हुआ है जिससे कि अगर कोई चोरी करता है तो उसकी जानकारी जुटाई जा सके जिस कारण मंदिर में चोरियां भी हो चुकी हैं। जिसका मुख्य कारण यह है कि कभी-कभार अपने दैनिक कार्य अथवा प्रधान पुजारी सुमन देवी के द्वारा बाहर तीर्थाटन के लिए जाया जाता है तो मंदिर को लेकर काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है ।क्योंकि मंदिर परिसर में कई बार चोरियां हो चुकी है जिसका कोई भी पता नहीं लगाया जा सका।इसको लेकर भी लोगों ने सवाल खड़े किए हैं सुरक्षा व्यवस्था को लेकर जिससे कि अगर यहां पर पुलिस पिकेटिंग की व्यवस्था की जाए तो यह दिक्कत दूर हो सकती है।
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स्वतंत्रता सेनानी चंद्र भाल सिंह के स्मारक बनाए जाने की मांग
सीतापुर। स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के प्रति सरकार के भी कुछ कर्तव्य होते हैं। जिसकी भी यहां पर ग्रामीणों ने वार्ता के दौरान यह बात रखी कि यहां पर संत चंद्रभान सिंह उर्फ किशोरी दास जोकि स्वतंत्रता संग्राम सेनानी भी रहे और जिन्होंने शासन से पेंशन भी नहीं ली लेकिन विचार करने वाली बात यह है कि यहां पर जिस व्यक्ति ने आजादी की लड़ाई में अहम योगदान दिया है और देश के प्रति समर्पित जीवन जिया है परंतु आज उसी का कोई स्मारक यहां पर नहीं बनवाया गया और सरकार के द्वारा एक स्वतंत्रता संग्राम की उपेक्षा की जा रही है ऐसा लग रहा है ।बताते चलें कि लोगों ने यहां पर बताया कि स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रहे बाबा चंद्रभान सिंह उर्फ किशोरी दास का नाम विकास खंड कसमंडा के कमलापुर कार्यालय परिसर में लगे स्तंभ में भी दर्ज है। परंतु उसके बावजूद भी आज तक इनकी यादगार में कोई भी स्मारक चिन्ह नहीं बनवाया गया, जो अपने आप में प्रतीत करता है कि शायद शासन प्रशासन इन स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को भूल चुका है आने वाले समय में लोग उन्हें याद करें इसके लिए उनका भव्य स्मारक बनाए जाने की लालता बख्श सिंह,सुमेर सिंह(पूर्व प्रधानाचार्य),रवीन्द्र सिंह, कालीचरन,दिनेश कुमार सिंह,महेंद्र प्रताप सिंह(एडवोकेट),रिपुदमन प्रताप सिंह(अध्यापक)वीरेंद्र सिंह ने मांग की है।