विनोद यादव
लखनऊ, चेतना संस्था एचसीएल फाउंडेशन के सहयोग से सरकारी विद्यालय में पढने वाले बच्चो की लीडरशिप पर काम कर रही है, इस क्रम में बच्चो के विद्यालय खुलने के बाद इन सभी स्कूलों में चेतना संस्था द्वारा बाल संसद का गठन किया गया, जिसमे राजकीय इन्टर कॉलेज जुबिली और राजकीय इन्टर कॉलेज निशात गंज,राजकीय बालिका इन्टर कॉलेज गोमतीनगर ,राजकीय बालिका इन्टर कॉलेज इंदिरा नगर ,राजकीय बालिका इन्टर कॉलेज विकास नगर इसके साथ 4 परिषदीय विद्यालयों प्राथमिक विद्यालय बहादुरपुर ,प्राथमिक विद्यालय शंकरपुरवा ,प्राथमिक विद्यालय बटहा सबौली व् कंपोजिट विद्यालय चान्दन, में बाल संसद का गठन किया गया, इस बाल संसद को गठित करने का उद्देश्य बच्चो को लीडरशिप के गुण सिखाना और उनके विद्यालय में होनी वाली हर छोटी बड़ी गतिविधियो में बच्चो को प्रतिभाग कराकर बच्चो को जिम्मेदारी के भाव से परिचित कराना है जैसा की सरकार भी इस काम के लिए सभी विद्यालयों को प्रोत्साहित कर रही है इसके लिए इनके स्कूल में बाल संसद के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चुनाव करवाया गया यह चुनाव प्रक्रिया आम चुनाव की तरह ही करायी गयी इसके लिए कुछ उमीद्वारो (बच्चो) ने अपनी दावेदारी प्रस्तुत की और चुनाव लड़ा फिर चुनाव प्रक्रिया संपन करायी गयी इस प्रक्रिया में चुनाव आयोग,पीठासीन अधिकारी ,पोलिंग एजेंट आदि भी बनाये गए इन सभी पदों और कार्यो का निर्वाह बच्चो ने ही किया ,साथ ही साथ इसके लिए मतदान केंद्र बनाये गए ,पोलिंग बूथ बनाये गए और मतदाता सूची (क्लास लिस्ट) से चेक कर कर सभी बच्चो ने वोट डाले उसके बाद वोट काउंटिंग कर जो बच्चा प्रथम आया उसे अध्यक्ष और जो सेकंड आया उसे उपाध्यक्ष बाल संसद बनाया गया साथ ही साथ और इस चुनाव प्रक्रिया में प्रतिभाग करने वाले बच्चो को सभी की सहमती से बाल संसद की अन्य समितियों का सदस्य भी बनाया गया इसमें पर्यावरण समिति ,खेल कूद समित ,मध्यान भोजन समिति ,वाल मगज़ीन समित आदि में सदस्यों (बच्चो को ) नियुक्त किया गया इस तरह से इस बाल संसद को संचालित करने के लिए यह टीम बनायीं गयी इन सभी बच्चो को शपथ भी दिलवाई गयी और समित के अनुसार उनको नेम टैग देकर उनकी जिम्मेदारी भी बताई गयी |
बाल संसद का गठन पर इन सभी विद्यालय के शिक्षकों का कहना है कि इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि यंहा बाल संसद गठित की गयी है विद्यालय और बच्चो के सर्वांगीण विकास के लिए इस बाल संसद का गठन बहुत महत्व पूर्ण है बच्चे इसके माध्यम से अपनी बात को किसी भी फोरम तक पंहुचा सकते है | इस अवसर पर अन्य सभी विद्यालय के शिक्षको ने बताया कि इस बाल संसद के गठन से बच्चो में जागरूकता आएगी और इसमें जो अनेको प्रकार की समितिया बनायीं गयी है इसके माध्यम से बच्चे हर तरह की समस्याओ को अपने टीचर और प्रिंसिपल के माध्यम से हल कर सकेंगे और बच्चे इससे बहुत कुछ सीखेंगे |
बाल संसद के गठन पर चेतना संस्था के कोआर्डिनेटटर राजेंद्र कुमार ने बताया कि चेतना संस्था लखनऊ के 9 सरकारी विद्यालयों में बच्चो के अधिकारों और उनके लीडरशिप पर काम कर रही है इन सब में विद्यालयों में बाल संसद गठित कराकर इसी के माध्यम से बच्चो को लीडरशिप के व्यावहारिक गुण सिखाये जायेगे ताकि सभी बच्चो का सर्वांगीण विकास हो सके सभी बच्चो को उनके अधिकार मिल सके |इस अवसर पर चेतना संस्था के फसिलिटेटर अजय श्रीवास्तव ने बताया विद्यालय ही वह माध्यम है जिससे बच्चे पढाई के साथ साथ बहुत कुछ सीख सकते है और सीख भी रहे है इसके लिए बाल संसद का गठन होना सभी विद्यालय और बच्चो की समस्याओ के समाधान के लिए एक अच्छी पहल है,और भविष्य में इसके माध्यम से बच्चे अपनी और अपने विद्यालय का निर्णय लेने में सक्षम हो सकेंगे |