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NCLAT में खुद वकील बनकर लड़े होमबायर्स का केस, डॉ. राजेश्वर सिंह ने कानूनी मोर्चे पर खरीदारों की तरफ से मजबूती से पक्ष रखा।

 

 

अंतरिम आदेश से खरीदारों को मिली बड़ी राहत, NCLAT के फैसले में IRP की सीमाएं तय, सरकारी हस्तक्षेप की अनुमति मिली और अगली सुनवाई की तारीख तय हुई।

ख़बर दृष्टिकोण

दिल्ली, जब कोई बड़ी कंपनी दिवालिया घोषित होती है, तो उसका सबसे गहरा असर उन आम लोगों पर पड़ता है जिन्होंने अपनी जिंदगी की जमा-पूंजी एक घर के सपने में लगा दी होती है। अंसल प्रॉपर्टीज एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (Ansal API) को दिवालिया घोषित किए जाने के बाद करीब 5000 आवंटियों के सपनों पर संकट के बादल मंडराने लगे थे।

ऐसे समय में विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह उनके लिए एक उम्मीद की किरण बनकर सामने आए। सरोजनीनगर के लोकप्रिय विधायक और सुप्रीम कोर्ट में अधिवक्ता डॉ. सिंह ने न सिर्फ इन परेशान आवंटियों की समस्याएं सुनीं, बल्कि उन्हें भरोसा दिलाया कि हर हाल में उन्हें न्याय मिलेगा।

डॉ. राजेश्वर सिंह ने इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र भी लिखा, और संबंधित अधिकारियों की जवाबदेही तय करने की मांग की। मुख्यमंत्री के संज्ञान में लाए गए इस पत्र के आधार पर एफआईआर दर्ज की गई और उच्चस्तरीय जांच के आदेश भी दिए गए। पर ये सिर्फ शुरुआत थी। न्याय की इस लड़ाई में डॉ. राजेश्वर सिंह एक कदम और आगे बढ़े।

15 और 17 अप्रैल 2025 को डॉ. राजेश्वर सिंह स्वयं अधिवक्ता की भूमिका में नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) में पेश हुए और घर खरीदारों के पक्ष में मजबूती से बहस की। 17 अप्रैल को बहस के बाद ट्रिब्यूनल ने फैसला सुरक्षित रखा था, जिसका निर्णय 25 अप्रैल को आया। जिसके बाद होमबायर्स को बड़ी राहत मिली है!

फैसले की मुख्य बातें — 

– खरीदारों के लिए राहत की सांस: अंतरिम आदेश पारित: NCLAT ने अंसल मामले में अंतरिम आदेश पारित किया, जो होमबायर्स के लिए बड़ी राहत है।

EOI पर रोक: अंतरिम आदेश के तहत इंटरिम रेजोल्यूशन प्रोफेशनल (IRP) को अभी तक फॉर्म G जारी न होने के कारण एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (EOI) आमंत्रित करने की अनुमति नहीं है।

– सरकारी हस्तक्षेप को स्वीकृति: ट्रिब्यूनल ने सभी संबंधित सरकारी प्राधिकरणों को मामले में हस्तक्षेप की अनुमति दी है।

– अगली सुनवाई: अगली सुनवाई 20 मई 2025 को दोपहर 2 बजे निर्धारित की गई है, जिसमें उत्तर (Reply) और प्रत्युत्तर (Rejoinder) दायर किए जाएंगे।

बता दें कि अंसल API की कॉरपोरेट इनसॉल्वेंसी रेजोल्यूशन प्रोसेस (CIRP) नवंबर 2022 से चल रही है। इसके अंतर्गत गुड़गांव की फर्नहिल और ग्रेटर नोएडा की सेरेन रेजिडेंसी जैसी परियोजनाएं अलग-अलग समाधान प्रक्रिया से गुजर रही हैं।

जनता के हक के लिए हमेशा तत्पर डॉ राजेश्वर सिंह

यह पहली बार नहीं है जब डॉ. राजेश्वर सिंह ने जनता के अधिकारों के लिए आवाज उठाई हो। इससे पहले भी उन्होंने NGT (राष्ट्रीय हरित अधिकरण) के समक्ष अधिवक्ता के रूप में पेश होकर गढ़ी चुनौटी के चांदे बाबा तालाब की बस्ती को उजाड़ने के फैसले को स्थगित करवाया था और सैकड़ों गरीब, पिछड़े व दलित परिवारों के आशियाने उजड़ने से बचाए थे।

डॉ. राजेश्वर सिंह केवल एक विधायक नहीं, बल्कि एक समर्पित जनसेवक और जुझारू अधिवक्ता हैं। जब बात जनता के हक की होती है, तब राजनीति नहीं, बल्कि प्रयास होता है, संघर्ष होता है… और अंततः न्याय मिलता है।

इस पूरे संघर्ष में अनेक होमबायर्स और प्रतिनिधियों ने मिलकर अपनी आवाज़ को न्यायिक मंच तक पहुँचाने का कार्य किया। गगन टंडन, शैलेन्द्र सिंह, ए.पी.एस. राठौड़, कुश अग्रवाल, अजीत कुमार यादव, शिव शंकर अस्थाना, राजीव अग्रवाल, सचिन कनोडिया, मनीष मिश्रा, डॉ. अमित मेहरोत्रा, ए.पी. सिंह, संजय सिंह, पीयूष बंसल, अजय वर्मा सहित कई अन्य होमबायर्स ने संकल्प, एकजुटता और सतत प्रयास के साथ इसको महत्वपूर्ण दिशा देने में अपनी भूमिका निभाई। जिनकी मेहनत और समर्पण ने आज हजारों परिवारों को न्याय की उम्मीद दी है।

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