लखनऊ, । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की घोषणा के क्रम में राज्य सरकार बुंदेलखंड को प्राकृतिक खेती के हब के तौर पर विकसित करेगी ताकि यहां के जैविक उत्पाद देश और दुनिया में भेजे जा सकें। सरकार अगले पांच वर्षों में बुंदेलखंड में 23,500 हेक्टेयर क्षेत्रफल पर प्राकृतिक खेती के 470 क्लस्टर विकसित करेगी। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में मंगलवार को लोक भवन में हुई कैबिनेट बैठक में यह निर्णय लिया गया।कैबिनेट बैठक के बाद कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बताया कि राज्य सरकार ने बुंदेलखंड के सात जिलों झांसी, ललितपुर, जालौन, बांदा, चित्रकूट, हमीरपुर व महोबा के सभी 47 विकासखंडों में से प्रत्येक में 500 हेक्टेयर क्षेत्रफल पर प्राकृतिक खेती के 10 क्लस्टर विकसित करने का निर्णय किया है। प्रत्येक क्लस्टर 50 हेक्टेयर का होगा जो ग्राम पंचायत स्तर पर गठित किया जाएगा।प्रत्येक क्लस्टर में चार वर्ष तक एक चैम्पियन फार्मर को 3000 रुपये और एक कम्युनिटी रिसोर्स पर्सन को 2000 रुपये प्रतिमाह प्रोत्साहन के रूप में दिया जाएगा। प्रत्येक क्लस्टर की अवधि चार वर्ष की होगी जिस पर कुल 14.645 लाख रुपये खर्च होंगे। इस तरह पांच वर्षों में 23,500 हेक्टेयर क्षेत्रफल में प्राकृतिक खेती के 470 क्लस्टर बनाकर यह कार्य संपन्न किया जाएगा।इस पर 68.83 करोड़ रुपये का खर्च आएगा जिसे राज्य सरकार वहन करेगी। पहले चरण में वर्ष 2022-23 से 2025-26 तक 235 क्लस्टर विकसित किये जाएंगे। दूसरे चरण में वर्ष 2023-24 से 2026-27 तक और 235 क्लस्टर विकसित किये जाएंगे। नजदीक के गांवों के इच्छुक किसानों को इसमें शामिल किया जाएगा। प्राथमिकता उन किसानों को दी जाएगी जिनके पास गोवंश हो या जो गो-आश्रय स्थलों से गाय लेना चाहते हों। योजना के अंतर्गत किसानों को प्रोत्साहन के रूप में 15 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर दिए जाएंगे।शाही ने कहा कि इस योजना के संचालन से जमीन की उर्वरा शक्ति और उसमें कार्बन की मात्रा बढ़ेगी। बुंदेलखंड में निराश्रित पशुओं की समस्या का समाधान होगा। खेती में रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों का उपयोग नहीं होगा जिससे खेती की लागत कम होगी। जैविक खेती मानव स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद होगी। जैविक उत्पादों की बिक्री से किसानों की आय बढ़ेगी। रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों को खरीदने पर खर्च होने वाली विदेशी मुद्रा की बचत होगी।क्लस्टर की हैंडहोल्डिंग, क्षमता विकास, अभिलेखीकरण और डाटा प्रबंधन के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में कोआर्डिनेशन कमेटी का गठन किया जाएगा। मंडल स्तर पर योजना की निगरानी और समीक्षा मंडलायुक्त की अध्यक्षता में गठित समिति करेगी। न्याय पंचायत स्तर पर तैनात प्राविधिक सहायक क्लस्टर के प्रभारी होंगे। विकास खंड स्तर पर योजना की निगरानी के लिए सहायक विकास अधिकारी (कृषि) की अध्यक्षता में ब्लाक स्तर कोआर्डिनेशन कमेटी का गठन किया जाएगा।